हालांकि चारों सह प्रभारी बैठक में मौजूद तो रहेंगे, लेकिन अपनी राय और सुझाव नहीं रख पाएंगे। यही हाल स्क्रीनिंग कमेटी के दोनों सदस्यों का भी हुआ है। जानकारों की माने तो शनिवार को हुई स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में चारों सह प्रभारियों से दावेदारों पर कोई राय नहीं ली गई थी, वे केवल मूक दर्शक की भूमिका में ही थे। वहीं उनकी ओर से दिए गए पैनल भी कोई विचार नहीं किया गया था।
स्क्रीनिंग कमेटी की चेयरमैन कुमारी शैलजा, कांग्रेस के संगठन महामंत्री अशोक गहलोत, पीसीसी चीफ सचिन पायलट, प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे और नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी ने ही दावेदारों पर मंथन किया था। सह प्रभारी का किया था विरोध
वहीं दूसरी ओर शनिवार को दावेदारों के पैनल तैयार करने में मनमानी करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने एआईसीसी मुख्यालय में एक सहप्रभारी का घेराव करते हुए विरोध दर्ज कराया था। बताया जाता है कि किसी तरह सह प्रभारी को लोगों की भीड़ से निकाला गया था।
वहीं दूसरी ओर शनिवार को दावेदारों के पैनल तैयार करने में मनमानी करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने एआईसीसी मुख्यालय में एक सहप्रभारी का घेराव करते हुए विरोध दर्ज कराया था। बताया जाता है कि किसी तरह सह प्रभारी को लोगों की भीड़ से निकाला गया था।
आज भी बैठक
दावेदारों पर मंथन के लिए स्क्रीनिंग कमेटी की अनौपचारिकर बैठक किसी गुप्त स्थान पर होने जा रही है। जानकारों की माने तो चारों सह प्रभारियों को बैठक के लिए बुलाया तो गया है, लेकिन उनसे कोई राय बैठक में नहीं ली जाएगी।
गौरतलब है सह प्रभारियों पर मनमाने तरीके से चेहेतों के नाम पैनल में देने की शिकायतें कांग्रेस आलाकमान तक पहुंची थी। वहीं सह प्रभारियों की रिपोर्ट और एआईसीसी की सर्वे रिपोर्ट में भी काफी भिन्नता थी। जिसके बाद आलाकमान ने सीइसी की बैठक में सह प्रभारियों के कामकाज को लेकर नाराजगी जताते हुए उन्हें कड़ी फटकार लगाई थी।
दावेदारों पर मंथन के लिए स्क्रीनिंग कमेटी की अनौपचारिकर बैठक किसी गुप्त स्थान पर होने जा रही है। जानकारों की माने तो चारों सह प्रभारियों को बैठक के लिए बुलाया तो गया है, लेकिन उनसे कोई राय बैठक में नहीं ली जाएगी।
गौरतलब है सह प्रभारियों पर मनमाने तरीके से चेहेतों के नाम पैनल में देने की शिकायतें कांग्रेस आलाकमान तक पहुंची थी। वहीं सह प्रभारियों की रिपोर्ट और एआईसीसी की सर्वे रिपोर्ट में भी काफी भिन्नता थी। जिसके बाद आलाकमान ने सीइसी की बैठक में सह प्रभारियों के कामकाज को लेकर नाराजगी जताते हुए उन्हें कड़ी फटकार लगाई थी।