युवा बेरोजगारी और वैक्सीनेशन पर केंद्र सरकार और भाजपा से नाराज चल रहे युवाओं की नाराजगी भुनाने में कांग्रेसी जुटी हुई है, यही वजह है कि जहां कांग्रेस पहले 30 अप्रैल को युवाओं के वैक्सीनेशन का फैसला करने वाली थी वहीं आनन-फानन में 5 दिन पहले ही युवाओं के फ्री वैक्सीनेशन का फैसला ले लिया गया है।
बताया जाता है कि कांग्रेस थिंक टैंक और कांग्रेस आलाकमान ने सोची-समझी रणनीति के तहत यह फैसला लिया है। सूत्रों की माने तो युवा वर्ग को अपने साथ लाने के लिए कांग्रेस ने पहले ही युवाओं के फ्री वैक्सीनेशन की रणनीति बना ली थी और इसकी रणनीति के तहत पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगातार केंद्र सरकार से 18 साल से ऊपर के युवाओं को फ्री वेसिलेशन की मांग करते आ रहे थे और साथ ही यह भी संकेत दिया था कि अगर केंद्र सरकार युवाओं के फ्री वैक्सीनेशन का फैसला नहीं लेती है तो फिर कांग्रेस शासित राज्य अपने स्तर पर युवाओं के फ्री वैक्सीनेशन का फैसला लेंगे।
अपनी इस रणनीति में कांग्रेस थिंक टैंक सफल भी हुआ है। कांग्रेस के रणनीतिकारों का मानना है कि कांग्रेस को युवाओं की फ्री वैक्सीनेशन का फायदा अगले साल यूपी सहित कई राज्यों में होने वाले चुनाव में मिल सकता है।
अग्रिम संगठनों को किया आगे
वहीं दूसरी ओर युवाओं के फ्री वैक्सीनेशन का फैसला लेने के बाद कांग्रेस थिंक टैंक ने कांग्रेस शासित राज्य राजस्थान, मध्य प्रदेश और पंजाब में अपनी हरावल बिग्रेड एनएसयूआई, सेवादल, महिला कांग्रेस और युवा कांग्रेस को आगे किया है जो युवाओं के बीच जाकर युवाओं को ज्यादा से ज्यादा संख्या में वैक्सीनेशन लगवाने के लिए प्रेरित करेंगे। साथ ही कांग्रेस पार्टी की रीति नीति से भी अवगत करवाएंगे।
आईटी सेल भी हुआ सक्रिय
इधर युवाओं के फ्री वैक्सीनेशन का फैसले के बाद कांग्रेस ने अपने आईटी सेल को सक्रिय कर दिया जो लगातार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर युवाओं के फ्री वैक्सीनेशन का फैसला लेने को लेकर कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस राज्यों के मुख्यमंत्रियों की प्रशंसा से भरे हैं।
गौरतलब है कि कांग्रेस सरकारों ने युवाओं के फ्री वैक्सीनेशन का फैसला लिया है। अकेले राजस्थान में 18 साल से अधिक उम्र के युवाओं के फ्री वैक्सीनेशन पर करीब 3 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। 1 मई से 18 साल से अधिक उम्र के युवाओं की फ्री वैक्सीनेशन शुरू होंगी।