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… तो क्या MP की तरह राजस्थान में भी हैं लाखों फ़र्ज़ी वोटर्स?

locationजयपुरPublished: Jun 05, 2018 10:59:09 am

Submitted by:

Nakul Devarshi

मध्यप्रदेश में लाखों की संख्या में फर्जी वोटर मिलने के बाद कांग्रेस ने सभी प्रदेश इकाइयों को निर्देश जारी किये हैं।

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जयपुर/ नई दिल्ली।

कांग्रेस पार्टी की ओर से मध्य प्रदेश में 60 लाख फ़र्ज़ी मतदाता होने का खुलासा करने के बाद सियासी सरगर्मियां तेज़ हो गई हैं। इस बड़े खुलासे के बाद अब कांग्रेस ने राजस्थान और छत्तीसगढ़ राज्यों में भी फ़र्ज़ी मतदाताओं को ढूंढने की कवायद शुरू कर दी। दरअसल, इन तीनों ही राज्यों में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं।
मध्यप्रदेश में लाखों की संख्या में फर्जी वोटर मिलने से सतर्क हुई कांग्रेस ने अपनी तमाम प्रदेश इकाइयों से कहा है कि वे प्राथमिकता के साथ मतदाता सूचियों की उसी तकनीक के साथ समीक्षा कराएं जिसके जरिए मध्यप्रदेश कांग्रेस ने इस गडबड़ का पता लगाया है। पार्टी इस बात से हैरत में है कि उसके नेताओं का इस ओर अभी तक ध्यान क्यों नहीं गया जबकि प्रत्येक चुनाव से पहले राजनीतिक दल बूथ स्तर तक मतदाता सूचियों को देखकर ही यह अनुमान लगाते हैं कि उनके पक्षधर मतदाताओं की बूथवार क्या स्थिति है।
पार्टी सूत्रों के अनुसार मध्यप्रदेश का मामला उजागर होने के बाद चुनाव आयोग की ओर से चार जांच समितियां बनाने के बाद लगभग तय हो गया है कि मतदाता सूचियों में ऐसी गड़बड़ उन राज्यों में भी हो सकती है जिनमें जीतने के लिए भाजपा किसी भी कीमत पर कुछ भी कर गुजरने को तैयार है। इन राज्यों में राजस्थान और छत्तीसगढ़ भी शामिल है।
मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं और तीनों राज्यों में भाजपा की सरकारें हैं। इन तीनों राज्यों के चुनाव के कुछ माह बाद ही 2019 का वह महासंग्राम होना है जो देश की राजनीतिक दशा और दिशा तय करेगा और इसी को ध्यान में रखते हुए भाजपा इन तीनों राज्यों की सत्ता को किसी भी स्थिति में खोने को तैयार नहीं है।
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पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार मतदाता सूचियों में संभावित गड़बड़ का पता लगाने के लिए प्रदेश इकाइयों से कहा गया है कि वे पार्टी के केन्द्रीय आईटी सेल की मदद भी ले सकती है, लेकिन राजस्थान और छत्तीसगढ़ में इस कार्रवाई को तेजी से अमल में लाने को कहा गया है ताकि मतदाता सूचियों के अंतिम प्रकाशन से पहले फर्जी मतदाताओं को उनसे बाहर किया जा सके।
जहां तक चुनाव में मतदान प्रतिशत का सवाल है तो मध्यप्रदेश में नौ प्रतिशत के अंतर से सत्ता पर काबिज हुई भाजपा और कांग्रेस के बीच छत्तीसगढ़ में मात्र एक से डेढ़ प्रतिशत का अंतर है। राजस्थान में भी यह अंतर बहुत अधिक नहीं है। इन हालात में यह मानने का पर्याप्त आधार है कि दोनों राज्यों में बड़े पैमाने पर फर्जी मतदाता हो सकटे हैं।
उदयपुर-बांसवाड़ा में मेरा बूथ मेरा गौरव कार्यक्रम में पहुंचे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट ने कहा कि राज्य की भ्रष्टाचारी सरकार को अब बदलने का समय आ गया है। इसके लिए सभी को एकजुट होना होगा। उन्होंने मध्यप्रदेश की तरह राजस्थान में भी फर्जी मतदाता होने की आशंका जताई और कहा कि संभव है कि आने वाले चुनाव में भाजपा यहां भी कुछ फर्जीवाड़े की योजना बना रही हो। लेकिन कांग्रेस यह चाल कामयाब नहीं होने देगी।
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उधर, उदयपुर के धरियावाद में कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार घोटाले और भ्रष्टाचार में लिप्त होने के साथ आदिवासी, दलित और बेरोजगार विरोधी है। उन्होंने केन्द्र सरकार पर भी निशाना साधा और कहा कि जुमले एवं दावे केन्द्र और राज्य सरकार के लिए गले की फांस बन गए हैं।
‘पार्टी राज्य में मतदाता सूचियों की समीक्षा कर फर्जी मतदाताओं को ढूंढने में जुट गई है। समीक्षा में सकारात्मक संकेत भी मिले हैं। पार्टी जल्द ही सबूतों के साथ इसे उजागर करेगी।’ -राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट

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