किसान संवाद से कृषि कानून के विरोध में उतरेगी कांग्रेस
नए कृषि कानूनों ( agricultural laws ) की वापसी को लेकर दिल्ली बोर्डर पर पिछले 30 दिनों से डटे हुए किसानों के समर्थन में राज्य में कांग्रेस सरकार ( Congress government ) भी सड़कों पर उतरेगी।

जयपुर
नए कृषि कानूनों ( agricultural laws ) की वापसी को लेकर दिल्ली बोर्डर पर पिछले 30 दिनों से डटे हुए किसानों के समर्थन में राज्य में कांग्रेस सरकार ( Congress government ) भी सड़कों पर उतरेगी। किसान आंदोलन के समर्थन में जहां कांग्रेस पार्टी समेत विपक्ष किसानों के समर्थन में है तो वहीं भाजपा इन कानूनों को किसानों के हित में बता रही है। किसान आंदोलन पर पार्टियों के अलग अलग सियासी रूख सामने आ रहे हैं। राजस्थान में कांग्रेस के प्रभारी अजय माकन के निर्देश के बाद राज्य में सरकार और संगठन स्तर पर किसान आंदोलन के समर्थन में उतरने का ऐलान कर दिया है।
28 दिसंबर को कांग्रेस के स्थापना दिवस के मौके से कांग्रेस किसान आंदोलन के समर्थन और नए कृषि कानूनों के विरोध में उतरेगी। जय जवान, जय किसान के साथ सरकार के जिला प्रभारी मंत्री, कांग्रेस के जनप्रतिनिधि और कार्यकर्ता किसानों से संवाद करेंगे। इस संवाद के दौरान किसानों को नए कृषि कानूनों को काला कानून करार देते हुए इसकी खामियां बताई जाएंगी। वहीं, राज्य में भाजपा के नेता लगातार किसान कानून के पक्ष में बयानबाजी कर रहे हैं। भाजपा ने किसान चौपाल के जरिए कृषि कानून से किसानों को होने वाले फायदों की जानकारी देते हुए इन्हें किसान हित में बताया है। वहीं, भाजपा की इस कवायद के बाद कांग्रेस भी इसी तरह का संवाद कार्यक्रम इन तीनों कानूनों की खामियों को बताएगी।
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