उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने बताया कि कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी की ओर से समय-समय पर केन्द्र सरकार को प्रवासी श्रमिकों एवं मजदूरों की पीड़ा को कम करने के लिए अनेक सुझाव दिए गए, जिन्हें केन्द्र सरकार ने सिरे से नकार दिया। प्रवासी श्रमिकों, किसानों, दैनिक मजदूरों, एमएसएमई, लघु उद्यमियों और गैर-संगठित क्षेत्रों के कामगारों को किसी प्रकार का सहयोग करने की बजाय उन्हें अपने हाल पर छोड़ दिया है। इन वर्गों की आवाज को केन्द्र सरकार तक पहुंचाने के उद्देश्य से यह अभियान चलाया जाएगा।
पायलट ने बताया कि कोरोना महामारी के कारण वर्तमान परिस्थिति में ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध करवाकर आर्थिक सम्बल प्रदान करने में मनरेगा योजना मददगार साबित हुई है। उन्होंने बताया कि राजस्थान में मनरेगा के तहत श्रमिक नियोजन 40 लाख से अधिक हो गया है जो कि गत् 10 वर्षों में सर्वोच्च है। लॉकडाउन के कारण अपना रोजगार खो चुके परिवार, जो आयकर के दायरे से बाहर हैं, उन्हें केन्द्र सरकार द्वारा तुरन्त प्रभाव से 10 हजार रुपए की मदद सीधे नकद के रूप में की जाए। उन्होंने प्रदेश के सभी कांग्रेसजनों से आह्वान किया है कि इसके लिए फेसबुक, ट्वीटर, इंस्टाग्राम, यू-ट्यूब तथा अन्य सोश्यल मीडिया माध्यमों से इस देशव्यापी ऑनलाइन कैम्पेन में अनिवार्य रूप से शामिल हों।