जयपुर-जोधपुर, कोटा में दो-दो जिलाध्यक्ष
पार्टी के शीर्ष नेताओं की माने तो दो नगर निगम वाले जयपुर-जोधपुर और कोटा में कांग्रेस आलाकमान ने दो-दो जिलाध्यक्ष बनाने का फैसला ले लिया है। इसे लेकर प्रदेश प्रभारी अजय माकन की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से भी चर्चा हो चुकी है, जिसके बाद कांग्रेस आलाकमान ने इस फॉर्मूले पर अपनी मुहर लगा दी है।
तीनों शहरों में अल्पसंख्यक वर्ग से एक-एक जिलाध्यक्ष
बताया जाता है कि दो नगर-नगर निगम वाले जयपुर, जोधपुर और कोटा में एक-एक जिलाध्यक्ष अल्पसंख्यक वर्ग से बनाया जाएगा, जिससे सत्ता और संगठन अनदेखी को लेकर अल्पसंख्यक वर्ग में बढ़ती नाराजगी को कुछ हद तक कम किया जा सके। चर्चा है कि बीते दिनों प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी अजय माकन ने भी पार्टी के कई शीर्ष नेताओं के समक्ष सत्ता और संगठन में अल्पसंख्यक वर्ग को उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिलने की शिकायतें की थी और 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अल्पसंख्यक वर्ग को सत्ता और संगठन में अहमियत देने को कहा था जिसके बाद ही दो नगर निगम वाले 3 शहरों में एक-एक जिलाध्यक्ष अल्पसंख्यक वर्ग से बनाए जाने को लेकर सहमति बनी थी।
आधा दर्जन जिलों में अल्पसंख्यक वर्ग को प्रतिनिधित्व
पार्टी के विश्वस्त सूत्रों की माने तो राजस्थान कांग्रेस में अल्पसंख्यक वर्ग को आधा दर्जन जिलों में जिलाध्यक्ष पद पर प्रतिनिधित्व देने की बात कही जा रही है। इन आधा दर्जन जिलों में जयपुर, जोधपुर और कोटा भी शामिल है। इसके अलावा जैसलमेर, नागौर, चूरू या सवाई माधोपुर में अल्पसंख्यक वर्ग को प्रतिनिधित्व दिए जाने की चर्चा है।
तीन किश्तों में आएगी जिलाध्यक्षों की सूची
एआईसीसी से जुड़े उच्च पदस्थ सूत्रों की माने तो राजस्थान कांग्रेस के जिलाध्यक्षों की सूची तीन किश्तों में आएगी। पहली सूची में 12 से 15 नाम होने की बात कही जा रही है। बताया जा रहा है कि जिलाध्यक्षों की पहली सूची अगस्त माह के आखिर तक आने की चर्चाएं हैं।
एआईसीसी ने सीधे मांगे थे नाम
दरअसल राजस्थान कांग्रेस के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने पीसीसी की बजाए जिला प्रभारियों से जिलाध्यक्षों के संभावित दावेदारों के तीन-तीन नामों का पैनल सीधे ही मांग लिया था और उसे एक फॉर्मेट में भरकर भेजने को कहा गया था। इससे पहले जिलाध्यक्षों के संभावित नामों का पैनल प्रदेश कांग्रेस के माध्यम से ही एआईसीसी को जाता रहा है।