कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के निर्देश के बाद प्रदेश कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को पीड़ित परिवारों से मुलाकात के लिए नागौर पहुंचा था। दिनभर प्रतिनिधिमंडल ने पीड़ित परिवार, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों से मुलाकात की। आज भी प्रतिनिधिमंडल पीड़ित परिवार से मिलने उनके गांव जाएगा।
प्रतिनिधिमंडल में कैबिनेट मंत्री मास्टर भंवर लाल मेघवाल, हरीश चौधरी, विधायक हरीश मीना, संगठन महामंत्री महेश शर्मा, पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा शामिल हैं। बताया जाता है कि आज शाम को कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल अपनी रिपोर्ट बंद लिफाफे में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट को सौंप देगा, जिसके बाद पायलट ये रिपोर्ट कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल को सौंपेंगे।
ये मांगें हुई पूरी
शुक्रवार को पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक के दौरान पीड़ित परिवार ने जांच अधिकारी बदलने, सुरक्षा उपलब्ध कराने की मांग रखी थी, जिसे तुरंत स्वीकार कर लिया गया।
नाराज है आलाकमान
जानकारों की माने तो इस घटना से कांग्रेस आलाकमान बेहद नाराज है। कांग्रेस हलकों में चर्चा है कि मामला राष्ट्रीय स्तर पर उछलने के बाद ही आलाकमान ने पायलट को निर्देश देते हुए इस मामले की जांच कर रिपोर्ट तत्काल भेजने को कहा था।
वहीं घटना का वीडियो वायरल होने के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी गुरूवार को इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई को कहा था। जिसके बाद राज्य सरकार भी हरकत में आई और दलित परिवार के साथ अत्याचार करने वाले सात आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया था।
गौरतलब है कि इस घटना के विरोध में विपक्ष ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने सांसद हनुमान बेनीवाल के नेतृत्व में जहां गुरूवार को विधानसभा के बाहर धरना दिया तो वहीं बसपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने पुलिस महानिदेशक भूपेंद्र यादव से मुलाकात कर पीड़ित परिवार को उचित मुआवजे देने और सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की थी।