सात पापों से बचें
राज्यपालने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने सात कर्मों को पाप करार दिया था। हमें इन पापों से दूर रहना होगा। कर्म विहीन धन, मानवता विहीन विज्ञान, सिद्वांत विहीन राजनीति, नैतिकता विहीन व्यापार, अंतरआत्मा विहीन सुख, चरित्र विहीन ज्ञान और त्याग विहीन पूजा मानव जीवन के लिए निरर्थक है। इन पापों से दूर रहे और राष्ट्र के विकास में भागीदार बने।
नैतिकता शिक्षा का अहम अंग
राज्यपाल मिश्र ने कहा कि नैतिकता का शिक्षा में होना आवश्यक है। कोविड-19 ने मानव जीवन में बहुत कुछ बदलाव किया है। इस दौर के बाद आॅनलाइन शिक्षा आवश्यकता बनती जा रही है। हमें अब जीवन को नये तरीके से जीने के रास्ते तलाशने होंगे। राज्यपाल ने कहा कि समाज से उत्पीड़न का खात्मा मानव मूल्यों से ही हो सकता है। यह मानव मूल्य ही समाज की प्रगति के वाहक हैं।