रायसर प्लाजा पार्किंग से जुड़ा है मामला लक्ष्मीनारायणपुरी, रामगंज निवासी रामजीलाल सोनी ने 9 जून, 2016 को आयोग में परिवाद दायर किया। इसमें बताया गया कि वह 28 मई, 2016 को शाम 6 बजे रायसर प्लाजा मोबाइल सही करवाने गए थे। पार्किंग में वाहन खड़ा कर रसीद ली।
3 के बजाय उपभोक्ता से वसूले पार्किंग के 10 रुपए करीब आधा घंटे बाद वापस आकर वाहन निकालने लगे तो ठेकेदार ने दस रुपए मांगे। जबकि, वहां पर पार्किंग दर तीन रुपए थी। जब विरोध किया तो उसको धमकाया और दुर्व्यवहार किया। टिकट पर 3 घंटे के 3 रुपए और 12 घंटे के बाद 10 रुपए लिए जाने थे। लेकिन दर सूची के बोर्ड पर 3 घंटे से 12 घंटे तक की दर को काली स्याही से मिटा रखा था। आयोग के नोटिस पर ठेकेदार ने कोई जवाब नहीं दिया। लेकिन निगम की ओर से कहा गया कि पार्किंग स्थल पर शुल्क लेने के संबंध में बोर्ड लगा हुआ है।
दो माह में राशि नहीं देेने पर नौ फीसदी ब्याज भी होगा देय दोनों पक्ष को सुनने के बाद आयोग के अध्यक्ष केदारलाल गुप्ता और सदस्य सीमा शर्मा ने माना कि ठेकेदार ने तय शुल्क से ज्यादा पार्किंग शुल्क वसूला है। इसके लिए निगम भी समान रूप से दोषी है। ऐसे में ठेकेदार अधिक वसूली गई राशि, परिवाद व्यय व मानसिक संताप के तौर पर कुल आठ हजार रुपए दो माह में परिवादी को दे। इसी के साथ निगम भी आठ हजार रुपए दो माह में परिवादी को अदा करे। दो माह में राशि नहीं देेने पर नौ फीसदी ब्याज भी परिवादी को देना होगा।