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‘विविधा’ के मंच पर कंटेम्परेरी डांस ड्रामा

locationजयपुरPublished: Dec 17, 2019 11:50:39 pm

Submitted by:

Suresh Yadav

कलाकारों की नृत्य मुद्राएं और लाइट इफेक्ट्स ने दर्शकों को आत्मसात किया

'विविधा' के मंच पर कंटेम्परेरी डांस ड्रामा

‘विविधा’ के मंच पर कंटेम्परेरी डांस ड्रामा

जयपुर।

जवाहर कला केंद्र में चल रहे पांच दिवसीय विविधा-2 फेस्टिवल के दूसरे दिन मंगलवार को गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की कविता ‘द् चाइल्ड’ पर आधारित अनोखा कंटेम्परेरी डांस ड्रामा पेश किया गया। टैगोर ने मूल रूप से यह कविता अंग्रेजी भाषा में लिखी थी। कोलकाता की तनुश्री शंकर की संकल्पना एवं कोरियोग्राफी पर आधारित इस प्रस्तुति में कलाकारों की नृत्य मुद्राएं और लाइट इफेक्ट्स ने दर्शकों को आत्मसात किया। कार्यक्रम में कलाकारों ने नृत्य के माध्यम से भारत की सांस्कृतिक विविधता को दर्शाया। शुरुआत में कलाकारों ने महिषासुरमर्दिनी स्तोत्र – अयि गिरिनन्दिनि नन्दितमेदिनि विश्वविनोदिनि नन्दिनुते गीत पर मां दुर्गा की स्तुति पर मनोहारी नृत्य पेश किया। इस दौरान आनंद शंकर के संगीत पर शाही दरबार में होने वाले डांस की प्रस्तुति दी। इस दौरान मन मयूरी प्रस्तुति में मनुष्य एवं प्रकृति के मध्य निहित प्रेम को अभिव्यक्त किया। पहाड़ी प्रस्तुति में पहाड़ों, घाटियों एवं नदियों के समीप लोगों की संस्कृति को दर्शाया गया। इस प्रस्तुति में रेसिटेशन विक्टर बनर्जी ने किया, जबकि संगीत देबाज्योति मिश्रा का था। गायन श्रीकांत आचार्या, लोपामुद्रा मित्रा और सुकन्या घोष का था। ट्रांसक्रिएशन कमलेश्वर मुखर्जी का था। बुधवार को ध्रुवपद गायिका डॉ. मधु भट्ट तैलंग का ध्रुवपद गायन होगा। वें जयपुर ध्रुवपद घराने के अलावा स्वामी विवेकानंद एवं मीरां की रचनाओं और विविध रागों पर आधारित रागमाला की प्रस्तुति देंगी।

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