scriptअदालती आदेश की पालना नहीं करने पर आरपीएससी चेयरमैन को अवमानना नोटिस | Contempt Notices to RPSC chairman Deepak Upreti and others | Patrika News

अदालती आदेश की पालना नहीं करने पर आरपीएससी चेयरमैन को अवमानना नोटिस

locationजयपुरPublished: Jul 04, 2020 10:41:25 pm

Submitted by:

Mukesh Sharma

(Rajasthan Highcourt) हाईकोर्ट ने (Court Order) अदालती आदेश के बावजूद द्वितीय श्रेणी लिपिक को (Posting In Home Distt) गृह जिले में पदस्थापित नहीं करने पर आरपीएससी चेेयरमैन (Deepak Upreti) दीपक उप्रेती,प्रमुख शिक्षा सचिव मंजू राजपाल, कार्मिक सचिव रोली सिंह, सैकेंडरी शिक्षा निदेशक हिमांशु गुप्ता,विधि विभाग के उप सचिव विनोद कुमार भारवानी को (Contempt Notice) अवमानना नोटिस जारी किए हैं।

अदालती आदेश की पालना नहीं करने पर आरपीएससी चेयरमैन को अवमानना नोटिस

अदालती आदेश की पालना नहीं करने पर आरपीएससी चेयरमैन को अवमानना नोटिस

जयपुर
(Rajasthan Highcourt) हाईकोर्ट ने (Court Order) अदालती आदेश के बावजूद द्वितीय श्रेणी लिपिक को (Posting In Home Distt) गृह जिले में पदस्थापित नहीं करने पर आरपीएससी चेेयरमैन (Deepak Upreti) दीपक उप्रेती,प्रमुख शिक्षा सचिव मंजू राजपाल, कार्मिक सचिव रोली सिंह, सैकेंडरी शिक्षा निदेशक हिमांशु गुप्ता और विधि विभाग के उप सचिव विनोद कुमार भारवानी को (Contempt Notice) अवमानना नोटिस जारी किए हैं। न्यायाधीश संतीश कुमार शर्मा ने यह अंतरिम आदेश महावीर प्रसाद की अवमानना याचिका पर दिए।
एडवोकेट रामप्रताप सैनी ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता को मेरिट के अनुसार गृह जिले हनुमानगढ़ में नियुक्ति मिलनी चाहिए थी, लेकिन उसे भीलवाडा में पदस्थापित किया गया। हाईकोर्ट ने पिछले साल नौ अप्रेल को याचिकाकर्ता को मेरिट के आधार पर नियुक्ति देने को कहा था। इसके बावजूद भी याचिकाकर्ता को गृह जिले में नियुक्ति नहीं दी गई।
एक अन्य मामले में कोर्ट ने चिकित्सा विभाग से सेवानिवृत्त कर्मचारी को अदालती आदेश के बावजूद परिलाभ नहीं देने पर अतिरिकत्स मुख्य सचिव चिकित्सा व स्वास्थ्य रोहित कुमार सिंह, स्वास्थ्य निदेशक प्रशांत शर्मा,पेंशन निदेशक सुलतान सिंह और करौली सीएमएचओ डॉ.दिनेश मीणा व टोडभीम ब्लॉक सीएमएचओ डॉ.देवीसहाय मीणा को अवमानना नोटिस जारी किए हैं। न्यायाधीश अभय चतुर्वेदी ने यह आदेश ब्रजनंदन शर्मा की अवमानना याचिका पर दिए। याचिकाकर्ता का कहना है कि वर्ष 2017 में हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को चयनित वेतनमान का लाभ देने के आदेश दिए थे। इसके बावजूद संबंधित अधिकारियों की ओर से आदेश की पालना नहीं की गई।

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