इन संविदा कार्मिकों की मुख्य मांग यह थी कि हालही में जारी संविदा कार्मिकों के नियम में विभिन्न विभागों में पिछले 15 से 20 वर्षों से भी अधिक अवधि से कार्यरत संविदा कार्मिकों के अनुभव को 0 मानते हुए 5 वर्ष के लिए पुनः संविदा पर रखा जा रहा है। जिसमें कहीं भी नियमितीकरण का कोई भी खाका नहीं है। संविदा संयुक्त मोर्चा के संयोजक शमशेर खां भालू ने कहा कि यह एक सांकेतिक विरोध प्रदर्शन था। यदि सरकार की ओर से जल्द ही संविदा कार्मिकों के नियमित पद बनाते हुए पुरानी संविदा सेवा को मान्य करते हुए नियमित नहीं किया गया तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा। साथ ही अगले माह राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान संविदा कार्मिक अपना विरोध दर्ज कराएंगे।