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अपनी जबान पर काबू करो, यही है इंसानियत का रास्ता

locationजयपुरPublished: May 17, 2020 06:35:19 pm

Submitted by:

Abrar Ahmad

रमजान की अहमियत बता रहे हैं जयपुर शहर मुफ्ती मोहम्मद जाकिर नोमानी

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जयपुर. रमजान कई खुशियां लेकर आता है। इसमें इंसान में बदलाव आता है। इसलिए ही रमजान शरीफ को रहमत का महीना कहा जाता है। रमजान की अहमियत पर पत्रिका ने बात की जयपुर शहर मुफ्ती मोहम्मद जाकिर नोमानी से।
नोमानी ने बताया कि एक सहाबी (साथी या सहयोगी)ने पैगम्बर ए आजम से दरयाफ्त किया कि निजात (मुक्ति) का सबब क्या है? उन्होंने कहा कि जुबान को काबू में रखो और तुमको तुम्हारा घर समाए रखे और अपनी गलतियों पर रोओ, तौबा करो, जुबान अपनों को बेगाना और बेगानों को अपना बना देती है। ये जुबान गलत बोलने पर घरों, कौमों और मुल्कों में जंग करा देती है। ये जुबान सही चले तो दुश्मनी खत्म करा देती है, गुस्से को ठंडा कर देती है। अक्लमंद इंसान पहले सोचता है फिर बोलता है। बिना सोचे समझे वक्त खराब करने के लिए घर से ना निकलें। जो इंसान अपनी गलती मान ले वो फायदे में है। परवरदिगार से अपनी गलतियों की माफी चाही जाए और आइन्दा गलतियों से बचने की कोशिश की जाए।
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