सर्वाधिक परेशानी एसएमएस अस्पताल के सहकारी दवा भंडार पर है, जहां बैठने की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। पेंशनर्स की इस मजबूरी का फायदा उठाकर वहां अब निजी दवा दुकानों के लपके भी घूम रहे हैं, जो कि अपनी दलाली वाली दुकान पर पेंशनर्स को ले जा रहे हैं। जो दवाइयां पेंशनर्स को नहीं मिल रही हैं, उनमे बीपी, डायबिटीज जैसी नियमित दवाइयां भी शामिल हैं। डॉक्टरों को दिखाने के लिए प्रदेश के दूरदराज के इलाकों से जयपुर आने वाले पेंशनर्स को अधिक परेशानी हो रही है।
40 डिग्री तापमान, देखने वाला कोई नहीं पेंशनर्स का कहना है कि 40 डिग्री तापमान में उन्हें कई घंटों तक खड़ा रखा जा रहा है, लेकिन दवाइयां नहीं मिलती। यह देखने वाला कोई नहीं है। कॉनफेड कई महीनों से कह रहा है कि सरकार से भुगतान नहीं आ रहा। भुगतान नहीं आ रहा तो उसका समाधान क्या है। इसका जवाब किसी के पास नहीं है।