mineral exploration policy: राजस्थान में कॉपर, गोल्ड व सिल्वर के खोज का कार्य चिन्हित
राजस्थान के भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़ और राजसमन्द में कॉपर, गोल्ड, लेड, जिंक व सिल्वर ( mineral exploration policy ) की खोज का कार्य के लिए स्थान चिन्हित किए गए हैं। नेशनल मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट एनएमईटी के वित्तीय सहयोग से इन क्षेत्रों में आरएसएमईटी द्वारा खोज कार्य करवाया जाएगा।
जयपुर
Updated: June 16, 2022 10:39:12 am
राजस्थान के भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़ और राजसमन्द में कॉपर, गोल्ड, लेड, जिंक व सिल्वर की खोज का कार्य के लिए स्थान चिन्हित किए गए हैं। नेशनल मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट एनएमईटी के वित्तीय सहयोग से इन क्षेत्रों में आरएसएमईटी द्वारा खोज कार्य करवाया जाएगा। अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस, पेट्रोलियम व पीएचईडी डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि भीलवाड़ा के देवतलाई में करीब 700 हैक्टेयर में कॉपर एवं गोल्ड, चित्तौड़गढ़ के भागल में करीब 500 हैक्टेयर में कॉपर, भीलवाड़ा के अमरगढ़ में 600 हैक्टेयर में लेड व जिंक, राजसमन्द के करौली में 200 हैक्टेयर में कॉपर और राजसमन्द के सिन्देसर में करीब 3500 हैक्टेयर क्षेत्र में सिल्वर, लेड व जिंक के भण्डार का खोज कार्य कर खनन के लिए पांच प्लॉट तैयार किए जाएंगे। राज्य में खोज कार्य को गति देने और आधारभूत संरचना विकसित कराने के लिए राजस्थान स्टेट मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट का सितंबर, 20 में गठन किया गया। इस कोष से नवाचारों को भी प्रोत्साहन देने के साथ ही विश्वविद्यालयों और तकनीकी संस्थाओं के छात्रों की सर्वेक्षण कार्यों में भी भागीदारी तय की जाएगी, ताकि छात्रों को व्यावहारिक अध्ययन का अवसर प्राप्त हो सके। आरएसएमईटी को नेशनल एक्सप्लोरेशन एजेन्सी का दर्जा दिलवाने के प्रयास किए जाएंगे ताकि खनिज खोज व खनन कार्य में आरएसएमईटी की विशेषज्ञ संस्था के रुप में राष्ट्रीय पहचान बन सके। निदेशक माइंस केबी पण्ड्या ने बताया कि आरएसएमईटी के माध्यम से विभागीय प्रयोगशाला व छिद्रेसन विंग को संरचनात्मक साधन उपलब्ध कराए जा रहे है। इससे प्रदेश में खनन खोज कार्य को और अधिक गति दी जा सकेगी।

mineral exploration policy: राजस्थान में कॉपर, गोल्ड व सिल्वर के खोज का कार्य चिन्हित
पत्रिका डेली न्यूज़लेटर
अपने इनबॉक्स में दिन की सबसे महत्वपूर्ण समाचार / पोस्ट प्राप्त करें
अगली खबर
