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छह महीने में दो बैठक, कैसे हो पाएगा समन्वय

locationजयपुरPublished: Jun 22, 2020 07:37:56 pm

Submitted by:

Umesh Sharma

राजस्थान सरकार और कांग्रेस संगठन के बीच समन्वय बैठाने के लिए करीब छह महीने पहले बनी समन्वय समिति कागजी साबित होती दिख रही है। आधा साल गुजर जाने के बाद भी कमेटी की महज दो बैठकें हुई हैं।

छह महीने में दो बैठक, कैसे हो पाएगा समन्वय

छह महीने में दो बैठक, कैसे हो पाएगा समन्वय

जयपुर।

राजस्थान सरकार और कांग्रेस संगठन के बीच समन्वय बैठाने के लिए करीब छह महीने पहले बनी समन्वय समिति कागजी साबित होती दिख रही है। आधा साल गुजर जाने के बाद भी कमेटी की महज दो बैठकें हुई हैं। इसमें एक बैठक में समिति के सभी सदस्य शामिल नहीं हो पाए, जिसकी वजह से अभी तक कमेटी समन्वय को लेकर कोई बड़ा निर्णय नहीं ले पाई है। अब सवाल उठने लगे हैं कि आखिर जिस उद्देश्य से कमेटी का गठन किया गया, उसे पूरा करने के लिए कमेटी के सदस्य बैठक क्यों नहीं कर रहे हैं ? सवाल ये भी कि आखिर सत्ता और संगठन के बीच चल रही अंदरूनी खींचतान कैसे खत्म हो पाएगी।
राजस्थान में कांग्रेस सरकार और संगठन के बीच खींचतान किसी से छुपी नहीं है। खुद प्रदेशाध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने अपनी सरकार पर सवाल खड़े किए हैं। प्रदेश की बिगड़ी कानून व्यवस्था, महापौर के सीधे चुनाव ऐसे मुद्दे थे, जिस पर पायलट मुखर नजर आए। उधर पिछले दिनों राज्यसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की बाड़ाबंदी से खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश मीना की दूरी भी चर्चा में रही। पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह भी कई बार सरकार की कार्यप्रणाली को लेकर सवाल उठा चुके हैं। राजस्थान में गुजरात और मध्यप्रदेश के विधायकों की बाड़ाबंदी से संगठन की दूरी और अब राज्यसभा चुनाव में विधायकों की बाड़ाबंदी की कमान सरकार के हाथों में होने को लेकर भाजपा लगातार आरोप लगाती रही है।
पांडे ने नकारा

कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे ने इस तरह के आरोपों को सिरे से नकारा है। पांडे ने बैठक कब होगी, इसे लेकर कोई बात नहीं कहीं, लेकिन यह जरूर कहा कि अगर समन्वय नहीं होता तो कोविड में सरकार इस तरह के प्रबंध नहीं कर पाती। यही नहीं राज्यसभा चुनाव में भी पार्टी को दो सीटों पर इस तरह से जीत नहीं सकती थी।
जनवरी में बनाई थी समिति

राजस्थान ही नहीं देश के अन्य राज्य जहां कांग्रेस की सरकारें हैं, वहां इस तरह की शिकायतें आॅल इंडिया कांग्रेस को छोटे—छोटे अंतराल के बीच मिलती रही हैं। इन शिकायतों को देखते हुए पार्टी ने इस साल जनवरी में समन्वय समिति का गठन किया था। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे को समिति का अध्यक्ष और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री भंवरलाल मेघवाल, राजस्व मंत्री हरीश चौधरी, विधायक दीपेंद्र सिंह शेखावत, हेमाराम चौधरी और महेंद्र जीत सिंह मालवीय को शामिल किया गया था। समिति का एकमात्र उद्देश्य यह था कि सत्ता और संगठन के बीच जिन मुद्दों को लेकर तालमेल नहीं बैठ रहा है, उन्हें दूर करना ताकि जनता के बीच अच्छा मैसेज दिया जा सके।
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