देवनानी ने कहा कि कोरोना वायरस का असर प्रदेश में दिनों-दिन बढ़ रहा है। इसका असर दिहाड़ी मजदूरों पर भी पड़ रहा है। मजदूर डर के मारे मजदूरी करने के लिए न घरों से बाहर निकल पा रहे है और न उन्हें इस कार्य के लिए लोग अपने यहां बुला रहे है। ऐसे में प्रतिदिन मजदूरी कर पेट पालने वाले मजदूर परिवार दो वक्त की रोटी का जुगाड़ कर पाने में असमर्थ हो रहे हैं। अनेक मजदूरों के घरों में तो चूल्हा जलना भी मुश्किल हो चला है।
सरकार की जवाबदेही देवनानी ने कहा कि मजदूरी कर अपना पेट पालने वाले प्रदेश के मजदूरों के प्रति भी सरकार की जवाबदेही बनती है। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए आरटीजीएस के जरीए दिहाड़ी मजदूरों के बैंका खातों में सीधी निश्चित राशि पहुंचाने का ऐतिहासिक फैसला लिया है जो सराहनीय कदम है। राजस्थान सरकार को भी ऐसा ही फैसला लेते हुए दिहाड़ी मजदूरों के बैंक खातों में निश्चित राशि डालनी की योजना बनानी चाहिए। अगर समय रहते राज्य में ऐसा कर पाए तो न केवल मजदूरों को कोरोनो से हुए नुकसान की भरभर्ती की जा सकेगी बल्कि गरीबों की झोपड़ियों में भी सुबह शाम चूल्हा जल सलेगा भरपेट भोजन मिल सकेगा।