उन्होंने कहा कि प्रदेश के बाहर से आने वाले हर व्यक्ति के लिए 14 दिनों के होम या इंस्टीट्यूशनल क्वारेंटाइन अनिवार्य किया हुआ है, ताकि बाहरी से आने वाले व्यक्ति संक्रमण ना फैल सके। जो व्यक्ति बिजनेस के सिलसिले में या छोटे-मोटे काम के लिए राज्य में आ रहे हैं वे भी आरटी-पीसीआर टेस्ट कराकर आएं या फिर यहां टेस्ट के नेगेटिव आने के बाद ही लोगों के बीच में जाएं।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश में कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए बाहर से आए करीब 7.25 लाख प्रवासी राजस्थानी और कामगारों को होम क्वारंटाइन में रखा जा रहा है। ग्राम स्तर पर बनी कमेटियों के सदस्य उन पर निगरानी रखते हैं। यही नहीं 10 हजार से ज्यादा संस्थागत क्वारंटाइन सेंटर्स में उन लोगों को रखा जा रहा है जिनके घरों में अलग रहने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है या फिर वे खांसी-जुकाम-बुखार से पीड़ित हैं। ऐसे करीब 35 हजार से ज्यादा लोग हैं। उनके बेहतर खान-पान व अन्य व्यवस्था सरकार अपने खर्चे पर कर रही है।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि हर जिले में कोरोना की जांच सुविधाएं विकसित करने पर काम चल रहा है। प्रदेश में मृत्युदर भी राष्ट्रीय दर के मुकाबले काफी कम है। प्रदेश में महज 2.36 प्रतिशत है।