बाजार के हालात बेहद खराब
कोरोना का संक्रमण दुनिया की आर्थिक सेहत पर भी भारी पड़ रहा है। वैश्विक अर्थव्यवस्था पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। शेयर बाजारों पर इसका असर देखने को मिल रहा है। कारों की बिक्री में कमी दर्ज की जा रही है। निवेशक कोरोना वायरस को लेकर चिंतित हैं। शेयर बाजारों में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। यह पेंशन और व्यक्तिगत बचत खातों पर देखने को मिल सकता है। फरवरी के आखिरी सप्ताह में दुनिया के प्रमुख शेयर बाजारों का प्रदर्शन बेहद खराब रहा। यह 2008 के वित्तीय संकट के बाद सबसे बुरा है। यूरोपीय और अमेरिकी शेयर बाजारों में थोड़ा सा इजाफा हुआ है, जब से यह उम्मीद जगी है कि कोरोना वायरस के खिलाफ अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए देश हस्तक्षेप कर रहे हैं।
उडाने हो रही लगातार रद्द
आंकड़े दर्शाते हैं कि चीन से बुक की गई अंतरराष्ट्रीय उड़ानें 2019 में इसी अवधि की तुलना में पचास फीसदी से ज्यादा पीछे है। हांलाकि उपभोक्ता वस्तुओं ने हाईजीन रखने वाले उत्पादों की बिक्री में वृद्धि देखी है। इसके साथ ही सोने की कीमतों में भी वृद्धि देखी गई है। सोने को हमेशा से ही अनिश्चितता के वक्त में सबसे सुरक्षित माना जाता है। निवेशक इसे देख रहे हैं कि चीन के बाहर फैले कोरोना वायरस के डर से वैश्विक अर्थव्यवस्था के साथ मांग में और गिरावट आएगी। बात भारत की करें तो भारत में तीस से ज्यादा लोग संक्रमित हैं इस वायरस से, हांलाकि कुछ सही भी हो रहे हैं।