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निगम ने सफाईकर्मियों को बांटे सेनेटाइजर, आदेश ​में​ लिखा: यह केवल हाथ की सफाई के लिए, पेय पदार्थ नहीं

locationजयपुरPublished: Apr 07, 2020 08:30:16 pm

कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए नगर निगम ने सफाई कर्मचारियों को दिए गंगानगर शुगर मिल में उत्पादित सेनेटाइजर, शुगर मिल में उत्पादित सेनेटाइजर को कहीं कोई सफाई कर्मचारी पेय पदार्थ समझकर न पी जाए, इसके लिए निगम को स्पष्ट आदेश तक देने पड़े

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जया गुप्ता / जयपुर। कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए नगर निगम ने अपने सफाई कार्मिकों व अन्य कर्मचारियों को राजस्थान स्टेट गंगानगर शुगर मिल में उत्पादित हैंड सेनेटाइजर दिए हैं। इसके साथ ही नगर निगम ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि इन सेनेटाइजर का उपयोग केवल हाथ को सेनेटाइज करने में ही किया जाए। यह पेय पदार्थ नहीं है और किसी भी स्थिति में इसे पीया नहीं जाए।

इसके लिए निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों को यह सुनिश्चित करने के भी आदेश दिए हैं कि सफाई कर्मी हैंड सेनेटाइजर का उपयोग केवल हाथ की सफाई में किया जाए। इसका अन्य उपयोग घातक व खतरनाक है। दरअसल, देशभर में कुछ ऐसे मामले सामने आए, जबकि लोगों ने सेनेटाइजर का सेवन कर दिया। जिससे उनकी तबीयत बिगड़ गई। शुगर मिल में उत्पादित सेनेटाइजर को कहीं कोई सफाई कर्मचारी पेय पदार्थ समझकर न पी जाए, इसके लिए निगम को स्पष्ट आदेश तक देने पड़े।

कर्मियों को दिए सुरक्षा किट
वहीं, रामगंज व आसपास के संवेदनशील क्षेत्र में सफाई कर रहे कर्मियों को नगर निगम एक सुरक्षा किट भी दे रहा है। जिसमें एप्रिन, कैप, दस्ताने व मास्क दिए जा रहे हैं। जिसकी कीमत निगम वहन करेगा।

इधर, सफाई कर्मचारियों को किया निलम्बित
वहीं, नगर निगम ने कोरोना के दौरान सफाई व्यवस्था अतिआवश्यक श्रेणी में होने के बाद भी नगर निगम के 33 कर्मचारी ड्यूटी से गायब रहे। बिना बताए ड्यूटी पर नहीं आने के कारण निगम प्रशासन ने उन्हें नोटिस जारी किए, नोटिस का जवाब नहीं देने पर आयुक्त ने 33 सफाई कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है।
नगर निगम आयुक्त विजयपाल सिंह ने बिना बताए ड्यूटी से गायब रहने पर निगम के पांच जोन क्षेत्र के 33 कर्मचारियों को निलम्बित किया है। इनमें विद्याधर नगर जोन के 4 सफाई कर्मचारी, मोती डूंगरी जोन के 6, सिविल लाइंस जोन के 6, सांगानेर जोन के 8 और सबसे अधिक हवाहमल जोन पूर्व के 9 कर्मचारी शामिल है। इन सभी सफाई कर्मचारियों को 31 मार्च, एक अप्रेल और 6 अप्रेल को नोटिस जारी किए, लेकिन सफाई कर्मचारियों की ओर से कोई जवाब नहीं आने पर निगम आयुक्त ने इन्हें निलंबित कर दिया है।

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