सुबह दो घंटे लोगों की आवाजाही परकोटा में सुबह छह बजे से आठ बजे तक सब्जी, किराने का सामान और दूध खरीदने वालों की गलियों में आवाजाही रहती है। हालांकि मुख्य मार्ग पुलिस की सख्ती के चलते सुने रहते हैं। गलियों में निकलने वाले लोगों को स्थानीय लोग घरों में रहने के लिए टोकते हैं। परचून का सामान या दूध की खरीदारी के समय लोग सोशल डिस्टेंस भूल जाते हैं। पुलिस ने गश्ती वाहनों से दूध सप्लाई का दावा किया था, लेकिन चौथे दिन भी अधिकांश गलियों में दूध नहीं पहुंचा। इसकी वजह से लोग दूध के लिए परेशान होते हुए नजर आए।
महंगाई की शिकायत
गलियों में किराने का सामान की बिक्री के लिए वाहन आए लेकिन उनमें सामान महंगा होने की शिकायत लोगों ने की। लोगों का कहना है कि कीमत स्थानीय मार्केट से अधिक है। मूंग की पीली दाल 135 रुपए किलो और मूंग की छिलका दाल 120 रुपए किलो की दर से उपलब्ध कराई जा रही है। इसी तरह चीनी 48 और लाल मिर्च 30 रुपए की सौ ग्राम की दर से उपलब्ध कराई गई।
गलियों में किराने का सामान की बिक्री के लिए वाहन आए लेकिन उनमें सामान महंगा होने की शिकायत लोगों ने की। लोगों का कहना है कि कीमत स्थानीय मार्केट से अधिक है। मूंग की पीली दाल 135 रुपए किलो और मूंग की छिलका दाल 120 रुपए किलो की दर से उपलब्ध कराई जा रही है। इसी तरह चीनी 48 और लाल मिर्च 30 रुपए की सौ ग्राम की दर से उपलब्ध कराई गई।
दवाइयों से मिली राहत कर्फ्यू वाले इलाके में दवाओं की दुकानें खुलने लगी है। डॉक्टर की पर्ची दिखाकर दवा लेने जा रहे लोगों को पुलिसकर्मी नहीं रोक रहे हैं। जिला प्रशासन की गाडिय़ां भी नहीं पहुंची
घर-घर सामान पहुंचाने के जिला प्रशासन के दावे सोमवार को भी फेल साबित हुए। मुख्य बाजारों में तो सामान पहुंचा मगर छोटी गलियों में रहने वाले लोग सामान आने की राह देखते रहे। सुभाष चौक, चाणक्य मार्ग सहित आस-पास के इलाके में जिला प्रशासन की घर-घर सामान वितरण की गाडिय़ां नहीं पहुंची।
घर-घर सामान पहुंचाने के जिला प्रशासन के दावे सोमवार को भी फेल साबित हुए। मुख्य बाजारों में तो सामान पहुंचा मगर छोटी गलियों में रहने वाले लोग सामान आने की राह देखते रहे। सुभाष चौक, चाणक्य मार्ग सहित आस-पास के इलाके में जिला प्रशासन की घर-घर सामान वितरण की गाडिय़ां नहीं पहुंची।