डिजिटल माध्यम से करें पढ़ाई
लॉकडाउन के इस समय का उपयोग सबसे ज्यादा डिजिटल माध्यमों से हो सकता है। इस समय देश के ज्यादातर सीबीएसई स्कूलों ने ऑनलाइन क्लासेस प्रारंभ कर दी हैं। एचआरडी मिनिस्ट्री के दीक्षा प्लेटफार्म पर सीबीएसई ने अधिकतर विषयों के ई-कंटेंट लांच कर दिए हैं। गूगल क्लासरूम जैसे अनेक कई प्लेटफार्म है जिनका उपयोग करके स्कूल एवं बच्चे अपनी पढ़ाई शुरू कर चुके हैं। उन्होंने शिक्षकों से भी अपील की है कि बच्चों को प्रोजेक्ट, असाइनमेंट, एक्टिविटिज एवं ई-कंटेंट तत्काल ऑनलाइन माध्यम से भेज दें जिससे बच्चे उनका भरपूर उपयोग कर सकें। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि इस कठिन समय को एक अवसर में बदलते हए देश के हर घर को लर्निग एवं स्किल सेंटर के रूप में बदल देना चाहिए।
लॉकडाउन के इस समय का उपयोग सबसे ज्यादा डिजिटल माध्यमों से हो सकता है। इस समय देश के ज्यादातर सीबीएसई स्कूलों ने ऑनलाइन क्लासेस प्रारंभ कर दी हैं। एचआरडी मिनिस्ट्री के दीक्षा प्लेटफार्म पर सीबीएसई ने अधिकतर विषयों के ई-कंटेंट लांच कर दिए हैं। गूगल क्लासरूम जैसे अनेक कई प्लेटफार्म है जिनका उपयोग करके स्कूल एवं बच्चे अपनी पढ़ाई शुरू कर चुके हैं। उन्होंने शिक्षकों से भी अपील की है कि बच्चों को प्रोजेक्ट, असाइनमेंट, एक्टिविटिज एवं ई-कंटेंट तत्काल ऑनलाइन माध्यम से भेज दें जिससे बच्चे उनका भरपूर उपयोग कर सकें। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि इस कठिन समय को एक अवसर में बदलते हए देश के हर घर को लर्निग एवं स्किल सेंटर के रूप में बदल देना चाहिए।
लॉकडाउन को लेकर ये कहा
लॉकडाउन का यह समय बच्चों, अध्यापकों एवं अभिभावकों तीनों लिए गोल्डन अपरच्वनिटी लेकर आया है। सबके पास असीमित समय, घर जैसी प्रयोगशाला एवं इंटरनेट पर मौजूद दुनिया के सारे संसाधन चुटकियों में उपलब्ध हैं। बच्चों के लिए तो पूरा घर लरनिंग सेंटर हो सकता है। ई-क्लासेस, प्रोजेक्ट्स, एक्टिविटीज, फन, गेम्स,वीडियो शूट्स और ढेरों ऐसी गतिविधियाँ रोट लरनिंग से निजात दिला सकती हैं। टीचर्स के लिए तो खुद को अपगरेड करने का यह सुनहरा मौका है। ऑनलाइन टीचिंग, ई- कंटेंट, खुद के वीडियो, लेसन प्लान एवं असाइनमेंट्स के क्षेत्र में वे विशेषज्ञता हासिल कर सकते हैं। अभिभावक इन क्षणों का उपयोग बच्चों के साथ खेलने, दोस्ती करने, भावनात्मक सपोर्ट देने, आदतों एवं कलाओं का विकास करने, किचेन में समय बिताने एवं फैमिली के साथ क्वालिटी टाइम बिताने में कर सकते हैं।
लॉकडाउन का यह समय बच्चों, अध्यापकों एवं अभिभावकों तीनों लिए गोल्डन अपरच्वनिटी लेकर आया है। सबके पास असीमित समय, घर जैसी प्रयोगशाला एवं इंटरनेट पर मौजूद दुनिया के सारे संसाधन चुटकियों में उपलब्ध हैं। बच्चों के लिए तो पूरा घर लरनिंग सेंटर हो सकता है। ई-क्लासेस, प्रोजेक्ट्स, एक्टिविटीज, फन, गेम्स,वीडियो शूट्स और ढेरों ऐसी गतिविधियाँ रोट लरनिंग से निजात दिला सकती हैं। टीचर्स के लिए तो खुद को अपगरेड करने का यह सुनहरा मौका है। ऑनलाइन टीचिंग, ई- कंटेंट, खुद के वीडियो, लेसन प्लान एवं असाइनमेंट्स के क्षेत्र में वे विशेषज्ञता हासिल कर सकते हैं। अभिभावक इन क्षणों का उपयोग बच्चों के साथ खेलने, दोस्ती करने, भावनात्मक सपोर्ट देने, आदतों एवं कलाओं का विकास करने, किचेन में समय बिताने एवं फैमिली के साथ क्वालिटी टाइम बिताने में कर सकते हैं।
यह समय वरदान से कम नहीं
उन्होंने पत्र में लिखा है कि हर घटना एक अवसर लेकर आती है। लॉकडाउन के कारण घर में मिला हुआ यह असीमित समय भी आपके लिए किसी वरदान से कम नहीं। यहां स्कूल एवं घर के दबाव से मुक्त आपके सपने आसमानी उड़ान भर सकते हैं। अपने शौक और इच्छाओं को पूरा करने का इससे सुनहरा अवसर दोबारा नहीं मिलेगा। आप अपने हुनर, कौशल एवं क्षमताओं को तराशते हुए नए भविष्य की राह चुन सकते हैं।
उन्होंने पत्र में लिखा है कि हर घटना एक अवसर लेकर आती है। लॉकडाउन के कारण घर में मिला हुआ यह असीमित समय भी आपके लिए किसी वरदान से कम नहीं। यहां स्कूल एवं घर के दबाव से मुक्त आपके सपने आसमानी उड़ान भर सकते हैं। अपने शौक और इच्छाओं को पूरा करने का इससे सुनहरा अवसर दोबारा नहीं मिलेगा। आप अपने हुनर, कौशल एवं क्षमताओं को तराशते हुए नए भविष्य की राह चुन सकते हैं।