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Bye Bye 2020… भुलाए नहीं भूलेगा कोरोना काल का यह साल… इन दिग्गजों ने कह दिया अलविदा

locationजयपुरPublished: Dec 31, 2020 01:29:47 pm

Submitted by:

JAYANT SHARMA

आखों से अभिनय करने वाले #Late-Imran-khan इरफान टोंक और जयपुर का नाम पूरे देश ही नहीं दुनियां में कर गए। टीवी से शुरू कर बड़े पर्दे पर पहुंचे इरफान फिर सात समंदर पार विदेशियों के साथ भी अभिनय के कीर्तीमान बनाए लेकिन लंबी बीमारी से हार गए। देश और विदेश में इलाज कराने के बाद भी वे इस साल अप्रेल में अपने करोड़ों समर्थकों और परिवार के लोगों की आखें नम कर गए।

अलविदा2020

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जयपुर
कोरोना वायरस #Corona-update के कारण साल 2020 काफी मुश्किलों भरा रहा। इस वैश्विक महामारी ने दुनियाभर के लोगों में खौफ पैदा करने के साथ-साथ लोगों को अकेला रहने पर मजबूर कर दिया। इस वायरस के कारण दुनियाभर के अनेक देशों में आर्थिक और सामाजिक स्थिति पर जबरदस्त चोट पड़ी है। कोरोना के चलते करोड़ो लोगों की जानें चली गई। वहीं भारत में भी अनेक राजनीतिक दिग्गजों ने कोरोना के सामने घुटने टेक दिए। आइए जानते हैं उन हस्तियों के बारे में जो इस साल हमें छोड़ गए…. इनमें से अधिकतर ने कोरोना से जंग हारी…
इरफान खान — यादों में जिंदा 29 अप्रेल 2020
— आखों से अभिनय करने वाले #Late-Imran-khan इरफान टोंक और जयपुर का नाम पूरे देश ही नहीं दुनियां में कर गए। टीवी से शुरू कर बड़े पर्दे पर पहुंचे इरफान फिर सात समंदर पार विदेशियों के साथ भी अभिनय के कीर्तीमान बनाए लेकिन लंबी बीमारी से हार गए। देश और विदेश में इलाज कराने के बाद भी वे इस साल अप्रेल में अपने करोड़ों समर्थकों और परिवार के लोगों की आखें नम कर गए।
अर्जुन प्रजापति— क्लोनिंग के महारथी 12 नवम्बर 2020
— प्रसिद्ध मूर्तिकार पद्मश्री #Arjun-prazapati अर्जुन प्रजापति का कोरोना संक्रमण से निधन हो गया है। अर्जुन प्रजापति ‘क्लोनिंग के महारथी’ कहे जाते थे। उनके द्वारा बनवाया गया ‘माटी मानस’ राजस्थान का पहला मूर्ति शिल्प संग्रहालय है। सुप्रसिद्ध मूर्तिकार, पद्मश्री सहित अनेक पुरस्कारों से सम्मानित श्री अर्जुन प्रजापति के असामयिक निधन पर देश विदेश में शोक की लहर छा गई। अमेरिका के पूर्व राष्टप्रति की मूर्ति जब उन्होनें बनाई थी तो वे इतने मंत्र मुग्ध हो गए थे कि कई मिनट तक प्रजापति के दोनो हाथ अपने हाथों में लेकर खड़े रहे और उनको निहारते रहे…। राजस्थान के प्रजापति ने मूर्तिकला को नए आयाम दिये एवं प्रदेश का मान देश-दुनिया में बढ़ाया।
मिनिस्ट मास्टर भंवरलाल और बेटी बनारसी मेघवाल — पहले बेटी और फिर पिता ने कहा अलविदा
— राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल की बेटी व पूर्व चूरू जिला प्रमुख बनारसी मेघवाल का निधन 29 अक्टूबर को गया। बनारसी देवी कई दिन से अस्थमा की बीमारी से जूझ रही थीं। बनारसी सबसे कम उम्र की जिला प्रमुख रहीं और उनको अपने पिता की कुर्सी का पक्का दावेदार भी बताया जाने लगा था। वे अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की सदस्य भी थीं। बेटी की मौत के कुछ दिन बाद ही पिता मास्टर भंवरलाल की भी मौत हो गई। लंबे समय से बीमार चल रहे मेघवाल ने 16 नवम्बर को मेदांता अस्पताल में अंतिम सांस ली।
विधायक कैलाश त्रिवेदी — 6 अक्टूबर 2020
राजस्थान कांग्रेस के दिग्गज नेता और भीलवाड़ा के सहाड़ा विधानसभा क्षेत्र से विधायक कैलाश त्रिवेदी भी कोरोना काल में साथ छोड़ गए। कोरोना के बाद उनके शरीर के कुछ अंगों ने काम करना बंद कर दिया था इस कारण वे लंबे समय तक बीमार रहे थे। 6 अक्टूबर को उनका निधन हो गया। उनकी अंतिम यात्रा उनके पैतृक गांव रायपुर में उनके निवास स्थान से प्रारंभ हुई। इस दौरान उनकी अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में क्षेत्र के लोग शामिल होकर अपने नेता को नम आंखों से अंतिम विदाई दी। मुखाग्नि उनके पुत्र संदीप,रणदीप और जयदीप ने दी।
भाजपा की किरण माहेश्वरी — 30 नवम्बर 2020
— भारतीय जनता पार्टी की विधायक किरण माहेश्वरी भी इस साल महामारी से हार गईं। वे 30 नवम्बर को दुनिया को अलविदा कह गईं। वह कोरोना वायरस से संक्रमित पाई गयीं थीं और गुड़गांव के अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने माहेश्वरी के निधन पर शोक जताया है। किरण माहेश्वरी (59) राजसमंद से तीसरी बार विधायक थीं। कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद वह कई दिन से गुड़गांव के एक निजी अस्पताल में भर्तीं थीं । प्रधानमंत्री मोदी ने माहेश्वरी के निधन पर शोक जताते हुए ट्वीट किया, ‘किरण माहेश्वरी जी के असामयिक निधन से गहरा दुख हुआ। एक सांसद, विधायक और राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में उन्होंने राज्य के विकास तथा वंचित तबकों के सशक्तिकरण के लिए अथक प्रयास किए।’ मुख्यमंत्री गहलोत ने शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदनाएं व्यक्त कीं। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिह डोटासरा ने भी माहेश्वरी के निधन पर गहरा दुख जताया ।
स्वामी अग्निवेश — 11 सितम्बर 2020
— 11 सितंबर को सामाजिक कार्यकर्ता, राजनेता, स्वामी अग्निवेश का निधन हो गया। वो 80 साल के थे। अग्निवेश लीवर सिरोसिस से पीड़ित थे और लंबे वक्त से गंभीर रूप से बीमार थे। विवादों से उनका नाता कई बार जुड़ा। उनके निधन पर देश भर के दिग्गजों के साथ सीएम अशोक गहलोत ने भी सात्वंना दी। स्वामी अग्निवेश ने सती प्रथा के खिलाफ राजस्थान के दिवराला की एतिहासिक पदयात्रा, नाथद्वारा के श्रीनाथ मंदिर में दलितों के प्रवेश को लेकर पदयात्रा की थी।
काग्रेस नेता हरीसिंह — 12 सितंबर 2020
12 सितंबर को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ हरिसिंह का निधन हो गया। राजस्थान की राजनीति में इनका नाम दिग्गज नेताओं में शामिल किया जाता था। उनको गंभीर बीमारियों के बाद जयपुर के जवाहर सर्किल स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां कई दिनों के इलाज के बाद भी उन्होनें दम तोड़ दिया। उनके निधन पर दिग्गज नेताओं ने अपनी सात्वंना दीं।
सेवा करते—करते खुद अंतिम यात्रा पर निकल गए — दो वरिष्ठ सर्जनों ने साथ छोड़ा
— कोरोना के चलते कई चिकित्सकों और मेडिकल स्टाफ को भी संक्रमण ने घेरा। कईयों को इसके गंभीर परिणाम भुगतने पडे और कई चिकित्सकों ने अलविदा तक कर दिया। इनमें दो बेहर सीनियर नाम शामिल हैं। इनमें एक हैं डॉक्टर दिनेश जिंदल… जिंदल एसएमएस मेडिकल कालेज के सर्जरी विभाग के अध्यक्ष रह चुके थे और सीनियर सर्जन थे। वहीं हैं डॉक्टर पवन गोयल का भी कोरोना से निधन हो गया। वे आर्थोपेडिक सर्जन थे। गोयल पांच सितंबर को कोरोना से जंग हार गए थे।
जसवंत सिंह — अटल के हनुमान 27 सितम्बर 2020
— पूर्व केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता जसवंत सिंह का निधन 27 सितंबर को हो गया। वो 82 साल के थे। सेना के बाद देश की राजनीति में कदम रखने वाले जसवंत सिंह ने अटल जी की सरकार के दौरान कई महत्वूर्ण मंत्रालयों का कार्यभार संभाला। वित्त, रक्षा और बाहरी मामलों की जिम्मेदारी संभालकर उन्होंने अपनी छाप छोड़ी थी। इस कारण उनको अटल का हनुमान तक कहा जाने लगा था। जसवंत सिंह का जन्म 3 जनवरी 1938 को राजस्थान के बाड़मेर जिले के गांव जसोल में राजपूत परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम ठाकुर सरदारा सिंह और माता कुंवर बाई था, इन्होंने मेयो कॉलेज अजमेर से बीए, बीएससी करने के बाद भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून और खड़गवासला से सैन्य प्रशिक्षण लिया। वे पंद्रह साल की उम्र में भारतीय सेना में शामिल हुए थे। जोधपुर के पूर्व महाराजा गजसिंह के करीबी जसवंतसिंह 1960 के दशक में वे भारतीय सेना में अधिकारी थे।
मसाला किंग — महाशय धर्मपाल गुलाटी 3 दिसम्बर 2020
— मसाला किंग के नाम से मशहूर एमडीएच मसाला कंपनी के मालिक महाशय धर्मपाल गुलाटी का 3 दिसम्बर को निधन हो गया। देश के विभाजन के बाद धर्मपाल पाकिस्तान के सियालकोट में सबकुछ छोड़कर पहले अमृतसर और फिर दिल्ली पहुंचे थे। उन्होंने शुरुआती संघर्ष के दौर में तांगा तक चलाया और कड़ी मेहनत के दम पर मसाला किंग के रूप में पहचान बनाई। उन्हें भारत सरकार ने पद्मविभूषण से सम्मानित किया। राजस्थान में उनसे जुड़े आर्य समाज के लोगों की मानें तो अजमेर में भी धर्मपाल ने तांगा चलाया था और मसाल किंग बनने के बाद भी उनका अजमेर से गहरा लगाव था। उनका अजमेर आनाजाना भी अब तक बना हुआ था।

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