यह जानकारी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने दी। उन्होंने बताया कि सभी हॉट-स्पॉट जिलों में स्थानीय आवश्यकता के अनुसार योजना बनाकर काम किया जा रहा है। चिकित्सा, प्रशासन, पुलिस व अन्य विभागों के सहयोग से कोरोना के संक्रमण को रोकने के प्रयास किए जा रहे हैं। कर्फ्यूग्रस्त क्षेत्रों में कटेंनमेंट प्लान के तहत 1, 3 और 5 किलोमीटर के दायरे में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है। लॉकडाउन या कर्फ्यूग्रस्त क्षेत्रों से बेवजह बाहर निकलने वालों के साथ सख्ती भी बरती जा रही है।
चिकित्सा मंत्री ने बताया कि प्रदेश में जितनी ज्यादा जांचें होंगी उतनी जल्दी कोरोना संक्रमण का पता चलता है। अब 6 हजार टेस्ट प्रतिदिन किए जा सकते हैं। 14 अप्रेल के बाद प्रदेश में संक्रमण को रोकने में सरकार और विभाग सफल हो सके हैं। यदि संक्रमण की गति वही रहती तो यह संख्या 4500 से भी ज्यादा होती। विभाग संक्रमण को रोकने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है।
डॉ. शर्मा ने बताया कि यह स्वास्थ्यकर्मियों के जज्बे और राज्य सरकार के प्रयासों का ही परिणाम है कि प्रदेश के एक तिहाई कोरोना पीड़ित पॉजीटिव से नेगेटिव की श्रेणी में आ गए हैं। लोग तेजी से उपचार के बाद ठीक भी हो रहे हैं।
डॉ. शर्मा ने बताया कि जयपुर के रामगंज क्षेत्र में निरंतर सैंपलिंग की जा रही है। सैंपल्स की पेंडेंसी को लगातार दूर किया जा रहा है। प्रदेश में जैसे-जैसे जांच की क्षमता बढ़ेगी, लंबित सैंपल्स की पेंडेसी भी दूर हो जाएगी। राज्य में लगभग 93 हजार सैंपल आज तक लिए जा चुके हैं। प्रतिदिन जांच की क्षमता बढ़ाना और सैंपल्स लेने की संख्या में बढ़ोतरी विभाग के लिए मील का पत्थर साबित हो रही है। इससे कोरोना की लड़ाई में हमें खासी मदद मिल रही है।
चिकित्सा मंत्री ने बताया कि प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों से जुड़े अलग-अलग अस्पतालों में 1096 लोग आइसोलेशन में भर्ती हैं जबकि सामान्य अस्पतालों में 5098 लोग भर्ती हैं। ज्यादातर लोग सामान्य वार्ड में ही भर्ती हैं। केवल 2-3 केसेज हैं जो वेंटीलेटर पर हैं। सरकार ने केंद्रीय चिकित्सा मंत्री से 1500 वेंटिलेटर्स की मांग जरूर की है।