सोमवार को भी एक मरीज को नेगेटिव आने पर एसएमएस भेजा गया। यहां उनका दूसरा सैंपल ले लिया गया। मंगलवार को वह पॉजिटिव आ गया। उन्हें वापस आरयूएचएस जाने को कहा गया, इसके बाद परिवारजनों ने निजी अस्पताल जाना ही उचित समझा।
यह होना चाहिए
दरअसल, इस समय उपलब्ध सर्वश्रेष्ठ जांच विकल्प आरटीपीसीआर की भी शत प्रतिशत शुद्धता नहीं है। ऐसे में कई मामलों में अलग-अलग रिपोर्ट जांच लैब की आ रही है। डॉक्टरों के ही अनुसार जरूरत इस बात की है कि आरयूएचएस में ही संक्रमित की एक रिपोर्ट नेगेटिव आने पर तत्काल एसएमएस भेजे जाने के बजाय वहीं एक अलग हिस्से में वार्ड बनाकर मरीजों को रखा जाए।
वहां दूसरा सैंपल लिया जाए, उसमें भी नेगेटिव आने के बाद मरीज को एसएमएस भेजा जाए। एसएमएस में आते ही मरीज का बेवजह तीसरा सैंपल लेने की आवश्यकता नहीं होगी और मरीज की रिपोर्ट क्रॉस चेक हो जाएगी।