मरीज की मौत के समय अस्पताल में मौजूद एक हायर अटेंडेंट ऑडियो में आरोप लगा रहे हैं कि वे चश्मदीद हैं, वहां तड़के करीब 3:30 बजे ऑक्सीजन आपूर्ति बाधित हुई और उसके बाद एक-एक कर कई मरीजों की मौत हो गई। अभिषेक का दावा था कि अस्पताल प्रशासन आंकड़ों में झुठला सकता है, लेकिन वे चश्मदीद हैं, उनकी आंखों को कोई नहीं झुठला सकता।
अटेंडेंट ने मृतक की पुत्री वर्षा को कहा कि आपके पिताजी रिकवर हो रहे थे, लेकिन ऐनवक्त पर सब कु छ खत्म हो गया। वहीं, पारस जैन ने कहा कि आरयूएचएस
अस्पताल प्रशासन व चिकित्सकों ने मरीजों के परिजन को किसी को कुछ भी नहीं बताने के लिए धमकाया है। अस्पताल में इस पूरे प्रकरण को लेकर दिनभर हड़कंप मचा रहा।
गुरुवार शाम को फिर सूचना आई कि छह मरीजों ने दम तोड़ा है। इस बार मरने वाले मरीजों के नाम भी सामने आए। वहीं शाम को जारी राज्य की रिपोर्ट में प्रदेश में 19 और जयपुर में तीन मौतें कोरोना से बताई गई हैं। इसके बाद चर्चा रही कि इतनी मौतें वास्तव ने लापरवाही से हुई है तो कार्रवाई के बजाय आरयूएचएस ने इसे दबाने की कोशिश क्यों की।
आरयूएचएस के बारे में सामने आए इन आरोपों और एक खबर के बाद गुरुवार सुबह हडकंप मच गया। इसको लेकर अस्पताल अधीक्षक डॉ. अजीत सिंह की ओर से आधिकारिक तौर पर एक बयान जारी किया गया, जिसमें उन्होंने कहा कि अस्पताल में ऐसी कोई घटना नहीं हुई है। उन्होंने अस्पताल में रात के उच्च क्षमता के आईसीयू के काम करने के फोटो भी जारी किए। उन्होंने कहा कि अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट सुचारू कार्य कर रहा है। उन्होंने इस घटना को सोशल मीडिया की अफवाह बताया है।
पुरुषोत्तम महरिया, एसएचओ, थाना प्रतापनगर