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देश में 1947 के बाद दूसरी सबसे बड़ी त्रासदी, लाखों लोग भूखे-प्यासे चलने को हुए मजबूर

locationजयपुरPublished: Mar 29, 2020 07:50:11 pm

कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में नोटबंदी की तरह बिना तैयारी के कर दी तालाबंदी, 1947 के बाद दूसरी सबसे बड़ी त्रासदी बताई, यूपी-बिहार में हालात चिंताजनक

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देश में 1947 के बाद दूसरी सबसे बड़ी त्रासदी, लाखों लोग भूखे-प्यासे चलने को हुए मजबूर

शादाब अहमद / नई दिल्ली। कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में नोटबंदी की तरह बिना तैयारी के तालाबंदी कर दी। इसके चलते देश के एक से डेढ़ करोड़ मजदूर सडक़ों पर भूखे-प्यासे चलने को मजबूर हो गए। ऐसे में लॉक डाउन का कोई मतलब नहीं रह गया है। सिंघवी ने मजदूरों के पलायन को 1947 के बाद दूसरी सबसे बड़ी त्रासदी बताया है।
सिंघवी ने रविवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग से पत्रकार वार्ता की। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के प्रकोप को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, सांसद राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने कई पत्र सरकार को लिखे, लेकिन सरकार ने तैयारी नहीं की। प्रधानमंत्री मोदी लॉकडाउन घोषित करते समय गरीबों को भूल गए। इसके चलते करीब 1 करोड़ से अधिक लोग सडक़ों पर आ गए। हालांकि उन्होंने लॉक डाउन का समर्थन किया, लेकिन इसे घोषित करते समय कम से कम 48 से 72 घंटे का समय लोगों को देना चाहिए था।
उन्होंने कहा कि विदेश से आने वाले हमारे नागरिक है, उनके लिए हवाई जहाज देना गलत नहीं है, लेकिन गरीबों के लिए सरकार ने वाहनों का इंतजाम नहीं कराना भेदभाव जैसा है। सिंघवी ने कहा कि यूपी और बिहार के हालात अधिक खराब है। उन्होंने कहा कि अमेरिका में प्रति व्यक्ति 1200 से ढाई हजार डॉलर की मदद दी गई है। यहां सरकार ने 1500 रुपए की मदद दी है। यह गरीबों का अपमान है।
सोनिया गांधी ने कम से कम साढ़े सात हजार रुपए हर गरीब को देने की मांग की थी। इससे कम नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि लॉक डाउन सही है, लेकिन 48 से 72 घण्टे का समय दिया गया है। सिंघवी ने कहा कि इस हालात में भी भाजपा घटिया राजनीति से बाज नहीं आ रही है। उन्होंने कहा कि यूपी, हरियाणा और एनसीआर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को मदद के लिए पास नहीं दिए जा रहे हैं।
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