सवाल
लगता नहीं है कि लॉकडाउन की पालना सख्ती से नहीं हो पा रही है, लोग अनावश्यक बाहर घूमते नजर आते हैं?
जवाब
नहीं ऐसा तो नहीं है जनता कर्फ्यू से पहले ही 144 लागू कर दी गई थी, लॉकडाउन की सख्ती से पालना कराई जा रही है। लॉकडाउन की पालना को लेकर प्रतिदिन पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ मॉनिटरिंग की जा रही है, अनावश्यक घूमने वाले वाहनों को जब्त किया गया है। केवल वहीं वाहनों को लॉकडाउन में आने जाने की अनुमति है, जिन्हें खाद्य सामग्री और भोजन वितरण के लिए जिला प्रशासन की ओर से पास जारी किए गए हैं। लोगों से भी लगातार अपील की जा रही है कि वे अनावश्यक बाहर न निकलें, घरों में ही रहें।
लगता नहीं है कि लॉकडाउन की पालना सख्ती से नहीं हो पा रही है, लोग अनावश्यक बाहर घूमते नजर आते हैं?
जवाब
नहीं ऐसा तो नहीं है जनता कर्फ्यू से पहले ही 144 लागू कर दी गई थी, लॉकडाउन की सख्ती से पालना कराई जा रही है। लॉकडाउन की पालना को लेकर प्रतिदिन पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ मॉनिटरिंग की जा रही है, अनावश्यक घूमने वाले वाहनों को जब्त किया गया है। केवल वहीं वाहनों को लॉकडाउन में आने जाने की अनुमति है, जिन्हें खाद्य सामग्री और भोजन वितरण के लिए जिला प्रशासन की ओर से पास जारी किए गए हैं। लोगों से भी लगातार अपील की जा रही है कि वे अनावश्यक बाहर न निकलें, घरों में ही रहें।
सवाल
राशन के लिए लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, इसके लिए जिला प्रशासन क्या कदम उठा रहा है?
जवाब
लॉकडाउन में लोगों को परेशानी न हो, इसके लिए किराना की दुकानें, मेडिकल, रसोई गैस, पेट्रोल पंप को आवश्यक सेवाओं में रखा गया है। सब्जियों की भी बराबर आपूर्ति हो रही है, जिला प्रशासन ने लोगों के लिए डोर टू डोर राशन वितरण की व्यवस्था भी शुरु की है, किसी को कोई परेशानी नहीं आने दी जाएगी, ऑनलाइन फूड कंपनियों से भी वार्ता कर उन्हें भी डोर टू डोर राशन पहुंचाने के काम में लगाया गया है। फूड सप्लाई के लिए सरकारी कार्मिकों को भी लगाया गया है और उनके नंबर भी जारी किए गए हैं, उन्हें फोन करके भी राशन मंगाया जा सकता है।
राशन के लिए लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, इसके लिए जिला प्रशासन क्या कदम उठा रहा है?
जवाब
लॉकडाउन में लोगों को परेशानी न हो, इसके लिए किराना की दुकानें, मेडिकल, रसोई गैस, पेट्रोल पंप को आवश्यक सेवाओं में रखा गया है। सब्जियों की भी बराबर आपूर्ति हो रही है, जिला प्रशासन ने लोगों के लिए डोर टू डोर राशन वितरण की व्यवस्था भी शुरु की है, किसी को कोई परेशानी नहीं आने दी जाएगी, ऑनलाइन फूड कंपनियों से भी वार्ता कर उन्हें भी डोर टू डोर राशन पहुंचाने के काम में लगाया गया है। फूड सप्लाई के लिए सरकारी कार्मिकों को भी लगाया गया है और उनके नंबर भी जारी किए गए हैं, उन्हें फोन करके भी राशन मंगाया जा सकता है।
सवाल
शहर के जिन इलाकों में कर्फ्यू हैं वहां लोगों को किस प्रकार राहत पहुंचाई जा रही है?
जवाब
कोरोना पॉजिटिव आने के बाद रामगंज सहित परकोटे के कई इलाकों में कर्फ्यू लगाया गया था। लेकिन कर्फ्यू के दौरान लोगों को परेशानी न हो, इसके लिए जिला प्रशासन ने 200 वाहनों को लगाया गया है। 200 के आसपास सब्जी के ठेले भी लगाए गए हैं जो चिन्हित किए स्थानों पर लगे है। उपभोक्ता भंडार की गाड़ियों के जरिए इन इलाकों में राशन पहुंचाया जा रहा है। परकोटे में विभिन्न दुकानदारों को भी परमिट देकर उन्हें घर-घर राशन पहुंचाने का जिम्मा दिया गया है।
शहर के जिन इलाकों में कर्फ्यू हैं वहां लोगों को किस प्रकार राहत पहुंचाई जा रही है?
जवाब
कोरोना पॉजिटिव आने के बाद रामगंज सहित परकोटे के कई इलाकों में कर्फ्यू लगाया गया था। लेकिन कर्फ्यू के दौरान लोगों को परेशानी न हो, इसके लिए जिला प्रशासन ने 200 वाहनों को लगाया गया है। 200 के आसपास सब्जी के ठेले भी लगाए गए हैं जो चिन्हित किए स्थानों पर लगे है। उपभोक्ता भंडार की गाड़ियों के जरिए इन इलाकों में राशन पहुंचाया जा रहा है। परकोटे में विभिन्न दुकानदारों को भी परमिट देकर उन्हें घर-घर राशन पहुंचाने का जिम्मा दिया गया है।
सवाल
लॉकडाउन में बड़ी संख्या में मजदूरों का पलायन हो रहा था,क्या चिंता का विषय नहीं ?
जवाब
बिल्कुल मजदूरों का पलायन का चिंता का विषय है, इसलिए सरकार ने इनके जाने पर रोक लगाई और यहीं इनके लिए प्रबंध किए गए। जयपुर जिले में जिला प्रशासन ने 38 शेल्टर होम बनाए हैं जहां पलायन कर रहे मजदूरों रो रखा गया है। यहां चिकित्सा व्यवस्था से लेकर खाने-पीने के लिए बेहतर प्रबंध किए गए हैं। सरकारी कार्मिकों को इनकी देखरेख का जिम्मा दिया गया है। भामाशाह और समाजसेवी लोग भी इन शेल्टर होम में इनकी मदद कररहे हैं।
लॉकडाउन में बड़ी संख्या में मजदूरों का पलायन हो रहा था,क्या चिंता का विषय नहीं ?
जवाब
बिल्कुल मजदूरों का पलायन का चिंता का विषय है, इसलिए सरकार ने इनके जाने पर रोक लगाई और यहीं इनके लिए प्रबंध किए गए। जयपुर जिले में जिला प्रशासन ने 38 शेल्टर होम बनाए हैं जहां पलायन कर रहे मजदूरों रो रखा गया है। यहां चिकित्सा व्यवस्था से लेकर खाने-पीने के लिए बेहतर प्रबंध किए गए हैं। सरकारी कार्मिकों को इनकी देखरेख का जिम्मा दिया गया है। भामाशाह और समाजसेवी लोग भी इन शेल्टर होम में इनकी मदद कररहे हैं।
सवाल
लॉकडाउन के चलते किसानों की फसलें खराब होने के कगार पर है उनके लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं?
जवाब
कृषि उपकरणों को लेकर कोई रोक नहीं है, एक निश्चित दूरी बनाकर किसान अपनी फसलें खतों से काट सकते हैं, एग्रीकल्चर विभाग भी इसके लिए एडवायजरी जारी कर चुका है। कृषि मंडियों तक लाने-ले जाने के लिए सभी उपखंड अधिकारियों को भी कहा गया है। उनसे संपर्क कर किसान अपनी फसलें मंडियों तक ले जा सकते हैं।
लॉकडाउन के चलते किसानों की फसलें खराब होने के कगार पर है उनके लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं?
जवाब
कृषि उपकरणों को लेकर कोई रोक नहीं है, एक निश्चित दूरी बनाकर किसान अपनी फसलें खतों से काट सकते हैं, एग्रीकल्चर विभाग भी इसके लिए एडवायजरी जारी कर चुका है। कृषि मंडियों तक लाने-ले जाने के लिए सभी उपखंड अधिकारियों को भी कहा गया है। उनसे संपर्क कर किसान अपनी फसलें मंडियों तक ले जा सकते हैं।