उन्होंने बताया कि पूरे देश में 35 लाख टेस्ट हुए हैं और अकेले राजस्थान में 4 लाख टेस्ट किए जा चुके हैं। सवाईमानसिंह अस्पताल में 1 लाख 10 हजार से ज्यादा टेस्ट किए गए हैं। प्रदेश में 18 दिनों में संक्रमितों की संख्या दोगुनी हो रही है जबकि देश में यह दर 12 दिन है। इसके कारण प्रदेश में कोरोना संक्रमण का ग्राफ नीचे जा रहा है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में मृत्युदर 2.16 है, जो राष्ट्रीय औसत से काफी कम है। प्रदेश में आज 18 हजार 250 टेस्ट प्रतिदिन करने की क्षमता विकसित कर ली है। जल्द ही 25 हजार के लक्ष्य को भी अर्जित कर लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सरकार ने होम, इंस्टीट्यूशनल क्वारंटीन सेंटर, कोविड केयर सेंटर, कोविड डेडिकेटेड अस्पताल आदि व्यवस्थाओ से संक्रमितों की तादात को रोकने के प्रयास किए जा रहे हैं। प्रदेश की संस्थागत क्वारंटीन सुविधा अव्वल दर्जे की रही है। ग्राम, उपखंड और जिला स्तर पर कमेटी बनाकर जो माइक्रो लेवल पर काम किया उसी का नतीजा रहा कि 11 लाख लोग अहमदाबाद, सूरत, मुंबई जैसे देश के अन्य संक्रमित हिस्सों से गंवों में आए लेकिन संक्रमण उतना नहीं फैल पाया।
चिकित्सा मंत्री ने बताया कि राज्य में पहले कोरोना केसेज का ग्राफ बढ गया था, लेकिन अब यह नीचे आ रहा है। प्रदेश में अब लोगों की सावधानी की वजह से संक्रमण बढ़ नहीं रहा है। अब ग्रामीण लोगों में भी कोरोना को लेकर जागरुकता आने लगी है। प्रदेश में हालांकि 2803 एक्टिव केसेज हैं, लेकिन इनमें से 2620 प्रवासी कामगार हैं। प्रवासियों को छोड़कर केवल 183 केसेज वर्तमान में एक्टिव हैं।