इसके बाद सकते में आई सरकार ने जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज में भी जीन सिक्वेंसिंग की सुविधा विकसित करने की तैयारी तेज कर दी है। इससे वायरस में दोहरे या तिहरे बदलाव का जल्द पता लग सकेगा। गौरतलब है कि प्रदेश में दूसरी लहर घातक रूप ले रही है और इसमें कई आपात मौतें भी हुई हैं, जिनमें युवा भी बड़ी संख्या में शामिल है।
सर्वे में मिले 6 लाख संदिग्ध, रेपिड टेस्ट आएगा काम चिकित्सा मंत्री ने कहा कि प्रदेश उन पांच राज्यों में शामिल हो चुका है, जहां 2 लाख से अधिक एक्टिव केस हैं। उन्होंने कहा कि पिछले दौर में कोविड का असर गांवों और युवाओं में कम था, लेकिन अब इनकी संख्या भी तेजी से बढ़ी है। शर्मा ने कहा कि प्रदेश की संक्रमण दर अब 8 प्रतिशत है। इसलिए घर घर सर्वे किया जा रहा है, जिनमें करीब 6 लाख संदिग्ध मरीज मिले हैं। इसे देखते हुए अब रेपिड एंटिजन टेस्ट भी करने का फैसला किया गया है। उन्होंने कहा कि रेपिड टेस्ट की सटीकता आरटीपीसीआर की 70 प्रतिशत की तुलना में 40 से 45 प्रतिशत ही है, लेकिन कोरोना की बढ़ती मार, कम समय में रिपोर्ट मिलने को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। इससे गांवा में भी तेजी से जांचें हो सकेगी।
तीसरी लहर की भी तैयारी शुरू चिकित्सा मंत्री ने कहा है तीसरी लहर का प्रकोप बच्चों पर अधिक होने की आशंका को देखते हुए ब्लॉक स्तर पर आक्सीजन जनरेशन प्लांट लगाए जा रहे हैं। शिशु अस्पतालों में गहन चिकित्सा इकाइयों के लिए दीर्घ कालिक और अल्पकालिक सुविधाएं विकसित की जा रही हैं।