मंत्री-जनप्रतिनिधि बेपरवाह, बन सकते हैं ‘सुपर स्प्रेडर’!
उओचुनाव की बढती सरगर्मियों के बीच की कोरोना ने भी अपने रंग दिखाने शुरू कर दिए हैं। कोरोना संक्रमित मामलों में हर दिन तेज़ गति से इजाफा हो रहा है। लेकिन इसका असर मंत्रियों और जनप्रतिनिधियों पर ज़रा भी नहीं देखा जा रहा है। हैरानी की बात तो ये है कि गहलोत सरकार के मंत्री खुद सरकार द्वारा जारी कोविड-19 दिशा-निर्देशों और इसे नियंत्रित करने के लिए बनाए गए कानून की अवहेलना कर रहे हैं।
उपचुनावों के मद्देनज़र चुनावी क्षेत्रों में बेरोकटोक जनसभाएं और रैलियाँ हो रही हैं जिनमें सैकड़ों की तादाद में नेता-कार्यकर्ता और आमजन का जमावड़ा लग रहा है। इन सार्वजनिक कार्यक्रमों में तय मियाद से ज़्यादा लोगों की भीड़ जुट रही है। यही नहीं मंत्रियों और नेताओं की मौजूदगी में पहुंचे लोग ना तो मास्क और ना ही सोशल डिस्टेंसिंग को ही ध्यान में रख रहे हैं।
डोटासरा का ‘नो कमेन्ट’ वायरल
शिक्षा मंत्री व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा की एक प्रतिक्रिया का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में एक पत्रकार डोटासरा से सवाल करता है कि कोरोना प्रदेश में तेज़ी से फ़ैल रहा है बावजूद इसके राजनीतिक पार्टियों के नेता ही कोविड-19 के नियम-कानून का पालन नहीं कर रहे हैं, इसके जवाब में डोटासरा ‘नो कमेंट्स’ कहकर निकल जाते हैं। प्रतिक्रिया के दौरान डोटासरा खुद बगैर मास्क के दिख रहे हैं और उन्हें चारों तरफ से कार्यकर्ताओं ने घेर रखा है।
अब पूर्व मंत्री युनुस खान हुए ‘पॉजिटिव’
पूर्व मंत्री व वरिष्ठ भाजपा नेता युनुस खान भी कोरोना संक्रमण का शिकार हो गए हैं। खान की कोविड-19 जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है जिसके बाद उन्होंने सप्ताह भर के दरम्यान संपर्क में रहे लोगों से स्वास्थ्य जांच करवाने का आग्रह किया है। जानकारी के अनुसार युनुस खान ने जयपुर में आरयूएचएस से कोविड-19 की जांच करवाई थी जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। फिलहाल खान ने खुद को क्वारंटीन कर लिया है।
इधर ‘पॉजिटिव’ होने से पहले युनुस खान के बेपरवाह होकर सार्वजनिक कार्यक्रमों में शरीक होने की तस्वीरें भी सामने आई हैं। कुछ तस्वीरें तो उन्होंने खुद ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर साझा की हैं, जिसमें वे बगैर मास्क के नज़र आ रहे हैं।
देखकर भी अनदेखा कर रहा पुलिस-प्रशासन
राजनीतिक पार्टियों के नेता बेपरवाह होकर कोविड-19 प्रोटोकॉल और नियम-कानून की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं। हैरानी की बात ये है कि ये तमाम गतिविधियां पुलिस और प्रशासन के सामने हो रही हैं, लेकिन नेताओं के सामने अधिकारियों को इसे देखकर भी अनदेखा करने की मजबूरी बनी हुई है। राजधानी जयपुर में भी धारा-144 लागू होने के बावजूद भाजपा नेताओं के धरने-प्रदर्शन में सैंकड़ों लोगों के जुटने पर भी पुलिस-प्रशासन अब तक कोई कार्रवाई नहीं कर सकी है।