ऐसे चली कोरोना कहानी 18 मार्च: स्पेन से एक कपड़ा व्यापारी लौटा, जो कोरोना संदिग्ध था। आइसोलेशन वार्ड में भर्ती। 19 मार्च: व्यापारी की रिपोर्ट नेगेटिव आई तो प्रशासन ने राहत की सांस ली। शहर में सभी कार्यक्रम निरस्त।
20 मार्च: दो डॉक्टरों समेत 22 कोरोना संदिग्ध मिले। शाम को इनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। 21 मार्च: छह कोरोना पॉजिटिव मिलने पर शहर में कफ्र्यू लगाया। जिले की सीमा सील। बांगड़ अस्पताल सील।
22 मार्च: छह और नर्सिंगकर्मियों की रिपोर्ट पॉजिटिव। शहर में 5000 से अधिक लोगों की सूची बनी। 23 मार्च: एक और पॉजिटिव। शहर में पुलिस की सख्ती बढ़ी। लोग घरों में कैद। 24 मार्च: 146 संदिग्ध और मिले। विदेश से आए 11 लोगों की स्क्रीनिंग। जिले के नौ गांवों में कफ्र्यू लगाया।
25 मार्च: कोई नया रोगी नहीं मिला। दोबारा जांच में एक रोगी की नेगेटिव रिपोर्ट। 26 मार्च: चार नए रोगी मिले। इसमें अस्पताल की दो महिलाकर्मी व डॉक्टर को दिखाने आए दो मरीज शामिल।
27 मार्च: कोरोना संक्रमित दो रोगियों की मौत। प्रशासन ने इनकी मौत को मल्टीऑर्गन फेलियर से बताया। 28 मार्च: नाथडिय़ास व शाम की सब्जी मंडी में मृतकों के घर पहरा। दोनों घरों में दो-दो परिजन पॉजिटिव मिले।
29 मार्च: शाहपुरा क्षेत्र की निवासी व बांगड़ अस्पताल की एक कर्मचारी पॉजिटिव। दोपहर में कोटड़ी क्षेत्र की एक महिला भी कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट पाई। यह महिला बांगड़ अस्पताल में हृदय रोग के इलाज के लिए गई थी।