यह जानकारी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने दी। उन्होंने बताया कि पाली में कोरोना जांच क्षमता दुगनी करने एवं सिरोही, जालौर, बांसवाड़ा, चितौड़गढ़, नागौर, श्रीगंगानगर और अलवर में कोरोना की टेस्टिंग सुविधा शीघ्र प्रारंभ करने के निर्देश दिए गए हैं।
चिकित्सा मंत्री ने बताया कि हालांकि प्रदेश के सभी जिलों में कोरोना जांच की सुविधा विकसित की जानी हैं, लेकिन अभी हालात को देखकर कुछ जिलों में जांच की सुविधाएं तुरंत विकसित करने के निर्देश दिए गए हैं। चिकित्सा जांच के आधार पर यह तय किया जाएगा कि आने वाले प्रवासियों में से किसे होम या संस्थागत क्वारेंटाइन में रखा जाए, ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।
डॉ. शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर्स को राज्य में बाहर से आने वाले सभी प्रवासियों को बेहतर क्वारेंटाइन सुविधा देने के निर्देश दिए जा चुके हैं। प्रदेश के सभी शहरों, गांवों, कस्बों में क्वारेंटाइन सुविधाएं विकसित की जा रही है। होम क्वारेंटाइन, संस्थागत क्वारेंटाइन, कोविड केयर सेंटर और कोविड डेडिकेटेड अस्पतालों की चेन यदि प्रदेशभर में सुचारू रूप से चलेंगी तो भले ही कितने ही लोग प्रदेश में आ जाएं। बढ़ते संक्रमण पर रोक लगाई जा सकेगी।
क्वारेंटाइन को लेकर युद्ध स्तर पर हो रहा काम —:
डॉ. शर्मा ने बताया कि क्वारेंटाइन सुविधाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिए सरकार ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारी और अतिरिक्त मुख्य सचिव वीनू गुप्ता को क्वारेंटाइन कमेटी का प्रभारी बनाया है। उनके साथ कई वरिष्ठ अधिकारी लगातार क्वारेंटाइन सेंटर्स की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। राज्य में क्वारेंटाइन के मामले में युद्ध स्तर पर काम हो रहा है।
6 जिलों में लगाई जाएंगी 120 अतिरिक्त मेडिकल वैन —:
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि कर्फ्यूग्रस्त व लॉकडाउन क्षेत्रों में सामान्य बीमारियों के लिए प्रदेश भर में 430 मेडिकल मोबाइल ओपीडी वैनों का संचालन हो रहा है। यह प्रयोग बेहद सफल भी रहा और लाखों लोग इन मोबाइल वैनों के जरिए चिकित्सा सेवाओं का लाभ उठा रहे हैं। जिन 6 जिलों में प्रवासी राजस्थानी ज्यादा संख्या में आ रहे हैं उनमें मुख्यमंत्री ने 120 वैन और चलाने के निर्देश दिए हैं। अब प्रदेश में 550 मोबाइल वैन आमजन को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराएंगी।