प्रदेश में सत्तर हजार से ज्यादा पुलिसकर्मी सड़कों पर ड्यूटी कर रहे हैंं। इन पुलिसकर्मियों में से अधिकतर के पास ढंग के मास्क तक नहीं हैंं। ये लोग जो मास्क पहन रहे हैं उसकी कीमत सिर्फ छह रुपए है और वह सिर्फ पांच घंटे तक ही चल सकता है वह भी उसके हाथ नहीं लगाया जाए तब। इसके अलावा अधिकतर पुलिसकर्मी बिना दस्ताने पहले ही काम कर रहे हैं और यहां तक की सेनेटाइजर तक की सुविधा तक नहीं हैं। एन95 मास्क के बारे में पुलिसकर्मियों का कहना है कि न तो पुलिस प्रशासन ने ही इस तरह के मास्क दिए हैं और नही जिला प्रशासन ने ऐसा कोई मास्क भेजे हैं।
कई जिलों में तो कर्फ्यू लगाया वहां भी यही हालात
जयपुर के परकोटे समेत प्रदेश के कई जिलों में कर्फ्यू तक लगाया गया है। इनमें भीलवाड़ा, चुरू, बीकानेर, झुझुनूं समेत अन्य जिले शामिल हैं। लेकिन इन जिलों में लगे पुलिसकर्मियों का भी यही हाल है। सुरक्षा के पूरे मापदंड पूरे किए बिना ही पुलिसकर्मी ड्यूटी कर रहे हैंं। जयपुर के परकोटे से सबसे ज्यादा मरीज प्रदेश सामने आए हैं। लेकिन उसके बाद भी परकोटे में तैनात पुलिसकर्मी भी बिना पूरे सुरक्षा उपकरण पहने ही ड्यूटी दे रहे हैं। रामगंज क्षेत्र में ही करीब दो सौ पुलिसकर्मी तैनात हैं लेकिन इनमें से अधिकतर की जांच नहीं हो सकी है।
अन्य राज्य ये कर रहे हैं अपने पुलिवकम्रियों क चाव के लिए
अब बात अन्य राज्यों की करते हैं। चूंकि मेडिकल टीम के बाद पुलिसकर्मी ही कोरोना मरीजों के सबसे ज्यादा संपर्क में है इस कारण उनमें वायरस का खतरा अन्य लोगों की तुलना में ज्यादा है। इसे देखते हुए देश के कई राज्यों की सरकार ने पुलिसकर्मियों के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं। एमपी और यूपी में सरकार ने कई जिलों में पुलिसकर्मियों को व्यक्तिगत सुरक्षा किट यानि पीपीई उपलब्ध कराए हैं। हिमाचल प्रदेश में भी पुलिस प्रशासन ने अपने जवानों को किट और मास्क उपलब्ध कराने के लिए एक करोड़ के सुरक्षा उपकरण खरीदे हैंं। महाराष्ट्र सरकार भी पीपीई किट और अन्य सुरक्षा उपकरण खरीद रही है ताकि पुलिसकर्मी सुरक्षित रह सकें।
मेडिकल टीमों के साथ लगे पुलिसकर्मियों और डोर टू डोर सर्वे कर रहे पुलिसकर्मियों का खास ख्याल रखा जा रहा है। उनको रेस्ट भी देने की कोशिश कर रहे हैं। पुलिसकर्मियों की सुरक्षा के और उपाय करने की भी तैयारी है।
एडीजी राजस्थान पुलिस