सीआईआई ने रिपोर्ट में कहा, ‘चीन में लूनर नववर्ष की छुट्टियों के विस्तार से चीन के बाहर काम करने वाली भारतीय आईटी कंपनियों के राजस्व और ग्रोथ पर प्रतिकूल अरस पड़ा है। आईटी कंपनियां मैनपावर पर काफी हद तक निर्भर होती हैं और लोगों की आवाजाही पर रोक के कारण वे कामकाज नहीं कर पा रही हैं।Ó
सीआईआई ने आगे कहा, ‘इसके फलस्वरूप भारतीय आईटी कंपनियां मौजूदा प्रोजेक्ट्स को समय पर पूरा नहीं कर पा रही हैं और नए प्रोटेक्स में भी कमी आ रही है। इससे अब चीन में स्थित भारतीय आईटी कंपनियों के वैश्विक ग्राहक मलेशिया और वियतनाम जैसी जगहों पर नए सर्विस प्रोवाइडर्स के पास जा रहे हैं।Ó
सर्वे में बताया गया है कि छुट्टियों के विस्तार से उत्पादकता घट गई है, जिसका सीधा असर राजस्व और ग्रोथ पर पड़ा है। चीन में कई जगहों पर व्यापार पिछली 24 जनवरी से बंद है। चीन में ये भारतीय कंपनियां इंडस्ट्रियल मैन्युफैक्चरिंग, मैन्युफैक्चरिंग सर्विसेज, आईटी एंड बीपीओ, लॉजिस्टिक्स, केमिकल, एयरलाइन और टूरिज्म जैसे सेक्टर्स से जुड़ी हैं। कंपनियों का अनुमान है कि पहली और दूसरी तिमाही में उनके राजस्व में 15 से 20 फीसदी की गिरावट आ सकती है। यह माना जा रहा है कि व्यापार तीसरी तिमाही से ही सामान्य हो पाएगा।
सीआईआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘उत्पादन रुक जाने के चलते कंपनियों, विशेषतौर पर मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों पर फिक्स्ड कॉस्ट जैसे वेतन, ऑफिस रेंट, ब्याज, वैधानिक ओवरहेड्स आदि का भार पड़ रहा है। फरवरी और मार्च महीने में राजस्व में नुकसान से नकदी की कमी हो जाने की भी संभावना है, क्योंकि बिना किसी बिक्री के फिक्स्ड कॉस्ट लगातार बनी रहेगी।Ó