हालांकि अतिरिक्त जिला कलेक्टर चतुर्थ के पास आने वाले आवेदकों को गंभीरता से जांचकर कर पास करते नजर आए। जानकारी के अनुसार, अतिआवश्यक वाहनों को परमिशन देने की प्रक्रिया आगे भी जारी रह सकती है। ऐसे में लॉकडाउन पर जिला कलेक्ट्रेट की व्यवस्था पर सवाल खडा होता है।
जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय जयपुर में बैठे जिला कलेक्टर और कई अतिरिक्त जिला कलेक्टर सहित कई प्रशासनिक अधिकारियों पर जिले की व्यवस्था की जिम्मेदारी है। धारा 144 लागू करने और 5 या 5 से अधिक लोगों को एक जगह एकत्रित नहीं होने के आदेश की पालना भी यही से अमल की जाती है। लेकिन इसी जिला कलेक्टर में 5 नहीं बल्कि 15 से अधिक बाहरी लोग एक जगह खडे रहते है।
बुधवार को कलेक्ट्रेट में निजी वाहनों और कामर्शियल वाहनों के संचालन के लिए परमिशन लेने आए लोग एक गैलरी में एक जगह खडे दिखाई दिए। अतिरिक्त जिला कलेक्टर चतुर्थ के कमरे के बाहर बजाय लाइन के लोग झुंड में दिखाई दिए। हालांकि बार—बार गार्ड लोगों को दूर करते भी रहे, लेकिन जनता नहीं मानी।