उत्तर भारत की प्रमुख पीठ गलता तीर्थ सहित चांदपोल बाजार स्थित प्राचीन मंदिरश्री रामचन्द्रजी में जानकीजी का जन्माभिषेक के आयोजन हुए। लॉकडाउन के चलते इस बार बडे सामूहिक आयोजन नहीं हो पाए है, लेकिन जानकी के जन्मोत्सव की रस्में मंदिरों में निभाई गई।
गलतातीर्थ में पीठाधीश्वर अवधेशाचार्य महाराज के सान्निध्य में जानकी का जन्मोत्सव मनाया गया। दोपहर में जानकी का जन्माभिषेक किया गया, जिसमें जानकीजी का मंत्रोच्चारण के बीच पंचामत से अभिषेक कर सर्वऔषधी से अभिषेक किया गया। इसके बाद शुद्ध जल से स्नान कराए गए। जन्म आरती के बाद बधाइयां गाई गई। युवाचार्य राघवेन्द्र के अनुसार लॉकडाउन के चलते करीब 500 सालों में पहली बार जानकी जी के जन्मोत्सव में भक्त शामिल नहीं हो पाए। इस मौके पर कोरोना मुक्ति और विश्व के कल्याण की कामना की गई।
वहीं चांदपोल बाजार स्थित प्राचीन मंदिरश्री रामचन्द्रजी में जानकीजी का जन्मोत्सव मनाया गया। मंदिर महंत राधेश्याम तिवाडी के सान्निध्य में जनक दुलारी का जन्माभिषेक व षोडशोपचार के साथ पूजन किया गया। वहीं ठाकुरजी का मंत्र पंचामृत अभिषेक हुआ। जन्म के साथ ही मंदिर में बधाइगान हुआ। जानकीजी को रजवाडे के समय के आभूषण धारण करवाकर आकर्षक शंगार किया गया। राजसी जामा धारण करवाया गया। जानकी नवमी पर करीब 126 सालों में पहली बार लोगों ने आॅनलाइन जानकीजी के चरण कमलों के दर्शन किए। इसके साथ ही शहर के छोटीचौपड़ सहित अन्य सीतारामजी मंदिरों में जानकीजी का जन्मोत्सव मनाया गया। आपको बतादें कि जानकी नवमी का अबूझ सावा होने से शहर में कई जगहों पर मांगलिक कार्य भी हुए। हालांकि लॉकडाउन के चलते शादी—ब्याह जैसे सामूहिक आयोजन नहीं हो पाए।