कोरोना वायरस से हो सकती है दवाओं की किल्लत
जयपुरPublished: Feb 16, 2020 07:43:12 pm
नई दिल्ली। चीन में कोरोना वायरस ( Corona virus ) के भीषण प्रकोप से भारत में कुछ बेहद जरूरी दवाओं ( medicines ) की किल्लत हो सकती है। उद्योग संगठन फिक्की ने कहा है कि चीन से कच्चे माल ( raw materials ) की आपूर्ति अगर दो महीने तक प्रभावित हुई तो भारत में कुछ बेहद जरूरी और आम तौर पर इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं जैसे पैरासिटामोल, ( paracetamol ) आइबूप्रोफेन, कुछ एंटीबायोटिक्स तथा डायबिटिज की दवाओं के उत्पादन पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। वायरस की वजह से स्मार्टफोन तथा सोलर उपकरणों का उत्पादन तथा आपूर्
कोरोना वायरस से हो सकती है दवाओं की किल्लत
फिक्की ने कहा है कि भारतीय दवा कंपनियां आमतौर पर कच्चे माल का दो महीने का स्टॉक अपने पास रखती हैं, इसलिए फिलहाल कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन अगर समस्या बनी रही तो उत्पादन पर असर पड़ सकता है। उद्योग संगठन ने कहा कि अगर कोरोना के कारण चीन में शटडाउन फरवरी से आगे बढ़ता है तो भारत में बनी कुछ दवाओं की कीमतें बढ़ सकती हैं। उद्योग के अनुमान के मुताबिक, भारत में दवाओं के उत्पादन के लिए ७० फीसदी कच्चा माल चीन से आता है।
वहीं केंद्र सरकार ने कहा है कि कंपनियों के पास अप्रेल तक दवाओं का प्रचूर स्टॉक है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय यह सुनिश्चित करने को लेकर एक योजना पर काम कर रहा है कि अगर अगले १५ दिनों तक चीन में लॉकडाउन जारी रहा तो दवाओं की किल्लत नहीं हो। इसके लिए उपाय भी किए जाएंगे। सरकार ने कुछ विशेष दवाओं की पहचान की है, जिसकी एपीआई का मुख्य स्रोत हुबेई प्रांत है और यह कोरोना वायरस का केंद्र बिंदु है।
फिक्की के अध्ययन के मुताबिक, पेनिसिलिन तथा इससे जुड़ी कुछ अन्य दवाओं के उत्पादन के लिए ९० फीसदी कच्चा माल चीन से आता है। वहीं, टेलिकॉम उपकरणों और कुछ जैविक कंपाउंड जैसे सेगमेंट में भारत ७० फीसदी चीनी आयात पर निर्भर है। चीन के हुबेई से ९४ नई मौतों की सूचना सामने आने के बाद वहां कोरोना वायरस की महामारी से मरने वालों की संख्या बढ़कर १११० तक पहुंच गई है। हालांकि, चीन की कुछ कंपनियों ने अपने ऑपरेशन चालू कर दिए हैं। लेकिन केवल २० से ३० फीसदी मजदूर ही काम पर लौटे हैं। बता दें कि कोरोना वायरस के चलते चीन में १६०० लोगों को मौत हो गई है। जबकि करीब ४२,००० लोग विश्वभर में इस वायर से प्रभावित हैं।