रामगंज इलाके में चारों और सिर्फ सन्नाटा है। इस इलाके में कोरोना को रोकने के लिए प्रशासन ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है । डॉक्टर नर्स एएनएम आशा सहयोगिनी सहित अलग-अलग मेडिकल टीमें रामगंज सहित आसपास के साथ 7 थाना क्षेत्र में स्क्रीनिंग करने में लगी हुई है । टीम ने बताया स्क्रीनिंग, सर्वे के दौरान
लोग दरवाजा खोलने से भी डर रहे हैं, खिड़कियों से हीं हमारे सवालों के जवाब दे रहे हैं ।
सात थाना क्षेत्र में स्क्रीनिंग और सर्वे की कमान संभाल रहे डॉ. आर. के. शर्मा का कहना था हमने दो से तीन बार घर-घर सर्वे कर लिया । अगर आप किसी के घर जाते हैं तो लोग यहां तक कहने लगे कहीं तुम ही हमें कोरोना मत लगा देना । उनका कहना था हालांकी कई लोग अब खुद सामने आ रहे हैं लेकिन बहुत से घरों में लोगों को समझाना अब भी बहुत मुश्किल हो रहा है । कई घरों में तो हाथ जोड़कर विनती करनी होती है भाई तू हमें जानकारी दे दे ।
टीम के कई सदस्यों का कहना था जिस तरह से रामगंज में कोरोना पोजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ रही है । हमें खुद को डर लगने लगा है कहीं किसी के जरिए हमें कोरोना ना लग जाए । जब स्क्रीनिंग कर घर जाते हैं तो बड़ी सावधानी रखनी होती है । मन में शंका रहती है कहीं हम अपने साथ अपने परिवार की जान तो जोखिम में नहीं डाल रहे हैं ।
इन दिनों रामगंज के घर घर के बाहर एक ही आवाज सुनाई दे रही है वह है कोई बीमार तो नहीं । सर्वे कर रहे मेडिकल टीम के लोग संक्रमित ना हो जाए इसके लिए घर का दरवाजा-बेल बटन को टच नहीं कर रहे । आवाज देकर ही लोगों से पूछते हैं घर में कोई बीमार तो नहीं । स्क्रीनिंग के दौरान टीम घर-घर जाकर पूछ रही है । घर में कितने सदस्य हैं, किसी को बुखार तो नहीं, इसके अलावा घर में कितने किराएदार है ,और हाल ही में किसी बाहरी या विदेशी व्यक्ति के तो संपर्क में तो नहीं आए ।
करीब 266 से अधिक लगी मेडिकल टीमों ने सात थाना क्षेत्रों में 10 लाख से अधिक लोगों का सर्वे कर लिया । मेडिकल टीमों की कमान संभाल रहे डॉ. आर. के शर्मा का कहना था जिस तरह से संख्या बढ़ रही है उस हिसाब से मेडिकल टीमें भी बढ़ा रहे है। डॉ. शर्मा का कहना था बुधवार को 22 हजार 22 घरों को सर्वे किया गया । इसमे 1, 16,773 लोगों का सर्वे किया। सर्वे के दौरान 3898 लोग हाई रिस्क पर मिले जबकि 83 लोगों का सर्दी जुकाम खांसी की शिकायत मिली।