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पूरे शहर की पुलिस जो नहीं कर सकी वो कोरोना ने कर दिया वो भी दो हफ्तों में

locationजयपुरPublished: Apr 05, 2020 12:23:33 pm

Submitted by:

JAYANT SHARMA

जयपुर पुलिस कमिश्नरेट क्षेत्र में 21 मार्च के बाद से तीन अप्रेल तक सिर्फ 164 मुकदमें शहर के करीब सत्तर पुलिस थानों में दर्ज हुए हैं। इन केसेज में सबसे ज्यादा केस जयपुर शहर पूर्व पुलिस जिले में दर्ज हुए हैं। यहां पर दो सप्ताह के दौरान 60 पुलिस केस दर्ज हो गए हैं। उसके बाद पश्चिम जिले में 57 मुकदमें दर्ज हुए हैं। दक्षिण जिले में दो सप्ताह के दौरान सिर्फ 28 पुलिस केस सामने आए हैं। सबसे कम केस परकोटा क्षेत्र यानि उत्तर जिले में दर्ज हुए हैं।

जयपुर
जयपुर कमिश्नरेट के दस से भी ज्यादा आईपीएस, दर्जन भर से भी ज्यादा आरपीएस और पांच हजार से ज्यादा पुलिसकर्मी जो नहीं कर सके वह दो सप्ताह के भीतर कोरोना की दहशत ने कर दिया। कोरोना के चलते लोगों को घरों में लॉक डाउन किया गया और भारी पुलिस फोर्स सड़कों पर तैनात की गई तो अपराध का ग्राफ गिरकर दस प्रतिशत से भी कम पर आ पहुंचा हैं। साथ ही जो अपराध दर्ज भी हुए हैं उनमें से करीब तीस फीसदी अपराध लॉक डाउन के नियमों का पालन नहीं करने को लेकर दर्ज हुए हैं। ऐसे में फिलहाल पुलिस भी अब राहत की सांस ले रही है।

14 दिन में सिर्फ 164 मुकदमें दर्ज
जयपुर पुलिस कमिश्नरेट क्षेत्र में 21 मार्च के बाद से तीन अप्रेल तक सिर्फ 164 मुकदमें शहर के करीब सत्तर पुलिस थानों में दर्ज हुए हैं। इन केसेज में सबसे ज्यादा केस जयपुर शहर पूर्व पुलिस जिले में दर्ज हुए हैं। यहां पर दो सप्ताह के दौरान 60 पुलिस केस दर्ज हो गए हैं। उसके बाद पश्चिम जिले में 57 मुकदमें दर्ज हुए हैं। दक्षिण जिले में दो सप्ताह के दौरान सिर्फ 28 पुलिस केस सामने आए हैं। सबसे कम केस परकोटा क्षेत्र यानि उत्तर जिले में दर्ज हुए हैं। वहां करीब दो सप्ताह से पुलिस का भारी बंदोबस्त है ऐसे में वहां पर 19 मुकदमें दर्ज हुए हैंं। जबकि अन्य दिनों में एक दिन के दौरान ही 80 से 100 मुकदमें पुलिस थानों में हर रोज दर्ज होते हैं।

एक भी बड़ा बदमाश बाहर नहीं निकला दो हफ्ते से
शहर के चारों पुलिस क्षेत्रों में अधिकतर मुकदमें छोटी धाराओं के ही दर्ज हुए हैंं। जिनमें बाइक चोरी, शराब की दुकानों में चोरी, घरों तक देसी शराब की डिलेवरी करने और छोटे मोटे झगड़ों के मामले ज्यादा हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि शायद ही ऐसा पहली बार हुआ है कि चौदह दिनों के भीतर कोई भी बड़ा और आदतन बदमाश सामने नहीं आया है। चौदह दिन से शहर के किसी भी क्षेत्र में न तो गोली चली और न ही किसी से गंभीर मारपीट और अपहरण जैसे मामले सामने आए। इस लॉक डाउन में बड़े बदमाश भी पूरी तरह से लॉक डाउन है क्योंकि शहर में शायद ही कोई ऐसा चौराहा हो जहां पर पुलिस का बंदोबस्त नहीं हो।
प्रदेश की सबसे ज्यादा पुलिस है जयपुर कमिश्नरेट में
प्रदेश भर में जयपुर पुलिस कमिश्नरेट में सबसे ज्यादा पुलिस फोर्स तैनात है। जयपुर पुलिस कमिश्नर से लेकर डीसीपी स्तर के दस से भी ज्यादा आईपीएस कमिश्नरेट क्षेत्र में तैनात हैं। चारों पुलिस जिलों में करीब सत्तर से भी ज्यादा पुलिस थाने हैं और इन पुलिस थानों में करीब चार हजार पुलिसकर्मी तैनात हैं। उसके अलावा डीसीपी और अन्य अफसरों की स्पेशल टीमों के साथ ही लाइन में भी पुलिसकर्मियों की अच्छी खासी संख्या हैं। जयपुर कमिश्नरेट क्षेत्र में करीब साढ़े पांच हजार से ज्यादा पुलिसकर्मी सेवारत हैं।
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