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नन्हें दिव्यांग वैज्ञानिक को राष्ट्रपति से लाखों इनाम में मिले, पीएम केयर फंड में डोनेट कर दिए

locationजयपुरPublished: Mar 31, 2020 12:10:36 pm

Submitted by:

JAYANT SHARMA

Hridayeshwar Singh Bhati Jaipur Donate 2 lakh in PM Care Fund.

pm narendra  Modi

पीएम नरेंद्र मोदी

जयपुर

दो लाख रुपए का दान वह भी 17 साल के नन्हें वैज्ञानिक की ओर से। जी हां… जयपुर के रहने वाले एक नन्हें वैज्ञानिक ने दो लाख रुपए का दान कोरोना से फाइट करने के लिए पीएम केयर्स फंड में दिया है। यह दो लाख का इनाम इसी साल 26 जनवरी को उन्हें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिला था उनके आविष्कारों और पेटेंट के लिए। हम बात कर रहे हैं जयपुर में रहने वाले दिव्यांग पेटेंट होल्डर हृदयेश्वर सिंह भाटी की। भाटी ने जयपुर का नाम एक बार फिर से देश के पटल पर ला दिया अपनी इस फैसले से…।
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरुस्कार से सम्मानित हैं भाटी
हृदयेश्वर सिंह भाटी 17 वर्ष के हैं और इस वर्ष जनवरी में उन्हें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उनके अविष्कारों के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया था। इसके पहले दिसम्बर 2019 में केन्द्रीय सामाजिक न्याय व अधिकरिता विभाग की ओर से उन्हें अतिउत्कृष्ट अविष्कारक बालक 2019 के राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। यह पुरस्कार भी उन्हें राष्ट्रपति ने ही दिया था। पुरस्कार राशि के रूप में उन्हें एक-एक लाख रूपए, मैडल, ब्लेजर और प्रमाण पत्र दिए गए थेे।
देश ने मुझे बहुत कुछ दिया अब मेरा नंबर है उसे लौटाने का
हृदयेश्वर का कहना है कि देश और समाज ने उन्हें बहुत कुछ दिया है। अब उनका समय है कि वे इस संकट की घडी में देश के लिए कुछ करें। इसी सोच के साथ वे राष्ट्रीय पुरस्कारों के रूप में प्राप्त दो लाख रूपए की राशि प्रधानमंत्री केयर्स फंड में दे रहे है। उनका कहना है कि पुरस्कार के रूप में उन्हें पैसा ही मैडल, ब्लेजर और प्रशस्ति पत्र भी मिले थे। ये मेरे पास रह जाएंगे और पैसा देश के काम आएगा।
तीन पेटेंट अपने नाम किया हृदयेश्वर सिंह भाटी ने
व्हील चेयर के जरिये चलने को मजबूर 17 वर्षीय हृदयेश्वर सिंह भाटी ने सात आविष्कार के साथ तीन पेटेंट अपने नाम करने के साथ साथ कई पुरस्कार भी जीते है। वह ड्यूशेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी नामक बीमारी से पीड़ित है। ह्रदयेश्वर ने शतरंज के क्षेत्र में आविष्कार के लिये उसने दुनिया में देश का नाम ऊंचा किया है।

छह खिलाडि़यों की गोल शतरंज का आविष्कार
भाटी ने पहली बार 2013 में 9 साल की उम्र में छह खिलाडि़यों की गोल शतरंज का आविष्कार किया और देश के सबसे कम उम्र के दिव्यांग पेटेंट धारक बन गए। भाटी ने 12 और 60 खिलाड़ियों के लिये भी गोल शतरंज का आविष्कार किया है और उनके लिए पेटेंट प्राप्त किया है। ह्रदयेश्वर को पहले भी कई सम्मान मिल चुके हैं।
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