उन्होंने कहा कि मानवीय पहलू यह है कि इनके भी परिवार हैं, बच्चे हैं। मगर अपने परिवार की चिंताओं को परे रखकर, ये कोरोना की जंग जीतने के लिए अपनी जान जोखिम में डालकर लोंगो की सेवा सुश्रुसा में लगे हुए हैं। कोरोना संक्रमण के बीच काम करना कितना घातक हो सकता है, यह जानने के बावजूद भी मानवता की रक्षा के लिए ये कोरोना पीड़ितों के जीवन को बचाने का काम कर रहे हैं। इनका जितना सम्मान किया जाए वह कम ही होगा।
सत्ताधारी नेता कर रहे हैं समर्थन
सराफ ने कहा कि यह सुनकर और भी आश्चर्य होता है कि कुछ सत्ताधारी नेता इन लोगों का समर्थन करते हैं, इन्हें प्रेरित करते हैं, आश्रय देते हैं और कहीं कहीं तो इन सत्ताधारी नेताओं के नेतृत्व में नियम, कानून व कर्फ्यू तोड़कर एक जगह पर हजारों की संख्या में इकठ्ठा होते हैं। सरकार में बैठे लोंगों के लिए जनहित से ऊपर वोटों का हित है इसीलिए ऐसे नेताओं पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।