मंडी के व्यापारियों का कहना है कि लॉकडाउन के कारण और कुछ विक्रताओं की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद लोगों ने फल खाने से दूरी बना ली है। यही कारण है कि रेहड़ी, दुकान आदि पर फल नहीं बिक रहे हैं। जबकि जयपुर में अधिकतर फल भी बाहर से आता है ऐसे में यहां बिक्री कम होने से फल भी कम ही आ रहे हैं। व्यापारियों का कहना है कि केले की आवक घटकर 50 से 60 फीसदी, अंगूर की 40 से 45 फीसदी, अनार की 25 से 30 फीसदी और सेब की आवक 30 से 35 फीसदी रह गई है।
लॉकडाउन के कारण जहां किसानों की फल एवं सब्जियां बिक नहीं पा रही है, वहीं परिवहन लागत बढ़ने से उपभोक्ताओं को भी फल महंगे मिल रहे हैं। फल कारोबारियों का कहना है कि सब्जी से ज्यादा असर फलों की आवक पर पड़ा है। मंडी में अब संतरे की पांच से सात गाड़ियों की आवक ही रह गई है, जबकि लॉकडाउन से पहले 10 से 15 ट्रक आ रहे थे। फलों के खरीदार कम होने से मंडियों से उठाव नहीं हो रहा है।
इन दिनों आम का सीजन
मंडी के व्यापारियों के अनुसार यह आम का सीजन है। लेकिन आम ना तो बाहरी राज्यों से आ रहा है और ना ही जयपुर में गत वर्ष के मुकाबले बिक्री रह गई है। फल कारोबारी नरेश ने बताया कि आम 20 से 25 ट्रक आता था जो अब 5 से 7 ट्रक ही आ रहे हैं। आम की बिक्री साठ प्रतिशत तक घट गई है।
मंडी के व्यापारियों के अनुसार यह आम का सीजन है। लेकिन आम ना तो बाहरी राज्यों से आ रहा है और ना ही जयपुर में गत वर्ष के मुकाबले बिक्री रह गई है। फल कारोबारी नरेश ने बताया कि आम 20 से 25 ट्रक आता था जो अब 5 से 7 ट्रक ही आ रहे हैं। आम की बिक्री साठ प्रतिशत तक घट गई है।