100, 300 एमल पैकिंग में मिलेगा
आईजी जेल राजस्थान ने आगे बताया, सेनेटाइजर उत्पादन चूंकि जल्दी से जल्दी शुरू कराना थाए लिहाजा राज्य जेल विभाग ने राज्य सरकार से बिना वक्त गंवाए पहले लाइसेंस हासिल किया। इसके बाद इंडियाना एग्रीबायोइन्टेक की मदद से सेनेटाइजर फैक्टरी स्थापित की। विकास कुमार ने कहा, हमें विश्वास है कि हम अपनी इस सेनेटाइजर फैक्टरी में चार से पांच हजार लीटर सेनेटाइजर प्रतिदिन तैयार कर लेंगे। आगे इसमें बढ़ोत्तरी की संभावना भी है। उत्पादन दिन-रात करेंगे। यहां बना सेनेटाइजर 100 और 500 एमएल की पैकिंग में उपलब्ध कराया जाएगा।
कैदियों को मिला रोजगार
आईजी जेल के मुताबिक, देश की किसी जेल में पहली सेनेटाइजर फैक्टरी लगने से फिलहाल सांगानेर खुली जेल के 60 से 70 कैदियों को रोजगार मिला है। इस मद में भी समय के साथ बढ़ोत्तरी तय है। उन्होंने जेल में सेनेटाइजर फैक्टरी लगाने के पीछे तीन प्रमुख वजहें बताई। पहली वजहए वर्तमान विपरीत हालातों में समाज को सेनेटाइजर की उपलब्धता सुनिश्चित करना। दूसरी वजह खुली जेल के कैदियों को रोजगार देना। तीसरी वजह जेल में मौजूद कैदियों में यहां से जाने के बाद कुछ कर गुजरने का जज्बा पैदा करने की सोच पैदा करना।
सेनेटाइजर बनाकर खुश हैं कैदी
सेनेटाइजर उत्पादन का शुभारंभ जेल के बुजुर्ग कैदियों के हाथों फीता कटवा कर किया गया। इस मौके पर मौजूद कई कैदियों ने भी विचार व्यक्त किए। एक कैदी ने कहा, हमारे हाथ कभी अपराध ने गंदे कर दिए थे। यह अच्छा मौका है कि अब हमारे हाथों से बने सेनेटाइजर से हमारे अपने हाथ और समाज के बाकी लोगों के हाथों की गंदगी साफ होगी। यह सिर्फ रोजगार का साधन नहीं, कोरोना जैसी महामारी के दौर में हम कैदियों के हाथों एक पुण्य कार्य भी हो रहा है।