नई गाइडलाइन के अनुसार अब एक बार नेगेटिव रिपोर्ट आते ही मरीज को अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी। नए निर्देश के बाद यही माना जा रहा है कि कोरोना की रफ्तार अब और तेजी से बढ़ेगी और अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए बिस्तर कम पड़ सकते हैं। दस दिन में ही मरीज की छुट्टी के बाद उसे घर पर ही रहना होगा। जबकि इससे पहले खुद डॉक्टरों ने ही 14 दिन अस्पताल में रहने और इसके बाद कम से कम 21 दिन की निगरानी की बात कही थी।
लापरवाही हुई तो होगी मुश्किल
अब अस्पताल से जल्द डिस्चार्ज होकर घर जाने वालों को अपने घरों पर ही खुद के लिए अलग से इंतजाम करने होंगे, यानि उन्हें सेल्फ क्वॉरंटीन में रहना होगा। लेकिन इसमें थोड़ी भी लापरवाही हुई तो वह अन्य लोगों को भी संक्रमित कर सकता है।
सामने आ चुकी है बड़ी समस्या
रामगंज क्षेत्र में पिछले दिनों बड़ी संख्या में पॉजिटिव मामले सामने आने के बाद यह समस्या सामने आ चुकी है। यहां एक ही भवन में दर्जनों लोग निवास करते हैं। इसके कारण यहां होम आइसोशन पूरी तरह संभव ही नहीं है।
इस तरह बरतें सतर्कता
एसएमएस के मेडिसिन रोग विशेषज्ञ डॉ.रमन शर्मा के अनुसार… – आपके घर पर सेल्फ क्वॉरंटीन के समुचित इंतजाम नहीं हैं तो अस्पताल में संस्थानिक क्वॉरंटीन करने के लिए ही कहें
– आपके घर में कोई पॉजिटिव मरीज डिस्चार्ज होकर आया है, तो उसके लिए रहने, खाने सहित सभी व्यवस्थाएं अलग करें – आपके आस पड़ौस में कोई इस तरह आया है तो उस पर सेल्फ क्वॉरंटीन रहने पर निगरानी रखें
– घर में बच्चे और बुजुर्ग हैं तो उन्हें पूरी तरह अलग रखें – घर के सभी सदस्य मास्क और सेनेटाइजर का लगातार उपयोग करें – संभव हो तो जिस घर में पॉजिटिव को रखा गया है, वहां उनकी देखरेख के लिए अधिकतम एक या दो लोग ही सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करते रहें
केन्द्र की नई गाइडलाइन आई है, लेकिन जिनके घरों पर सोशल डिस्टेंसिंग या होम क्वॉरंटीन संभव नहीं है, तो उन्हें अभी भी संस्थानिक क्वॉरंटीन में ही रखा जाएगा।
-रोहित कुमार सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग