किया था जयपुर में ट्रायल का दावा उन्होंने ट्वीट किया, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, जयपुर यह पता लगाएगा कि क्या पतंजलि के कोरोनिल का क्लीनिकल ट्रायल किया गया था। हम बाबा रामदेव को चेतावनी देते हैं कि हमारी सरकार महाराष्ट्र में नकली दवाओं की बिक्री की अनुमति नहीं देगी। इससे पहले दावा किया जा रहा था कि पतंजलि ने इस दवा की ट्रायल जयपुर के कुछ मरीजों पर की है, जिसके परिणाम बहुत अच्छे मिले। लेकिन राजस्थान सरकार ने ऐसे किसी भी ट्रायल से साफ इंकार किया था। सरकार का कहना है कि जिन मरीजों पर ट्रायल का दावा किया जा रहा है उनके कोरोना के लक्षण नहीं थे, वे बिना दवा के ही ठीक हो गए थे। वहीं पतंजलि का दावा है कि इनकी दवा कोरोनिल का असर मात्र सात दिन में ही कोरोना के मरीजों पर नजर आने लगता है। और वे स्वस्थ हो जाते हैं।
राजस्थान पहला राज्य, यहां कोरोनिल की बिक्री पर रोक आपको बता दें आयुष मंत्रालय की आपत्ति के बाद राजस्थान पहला राज्य था, जिसने कोरोनिल की बिक्री पर रोक लगाई थी। वहीं आयुष मंत्रालय ने भी बाबा रामदेव की कंपनी से दवा और उनके दावे का आधार मांगा है। जांच होने तक इस दवा के प्रचार-प्रसार पर भी रोक लगा दी गई है।