पत्रिका ने एसीबी के मामले खंगाले तो 1 जुलाई 2019 तक 208 प्रकरण अभियोजन स्वीकृति नहीं मिलने से लंबित पड़े हैं। इनमें सबसे अधिक कार्मिक विभाग में लंबित है।
वहीं गौर करने वाली बात है कि पुलिस विभाग से ही चुने गए अधिकारी और कर्मचारी एसीबी में लगाए जाते हैं, लेकिन एसीबी सीधे मुख्यमंत्री के निर्देशन में काम करती है। इसके चलते एसीबी को पुलिस विभाग से भी भ्रष्ट अधिकारी और कर्मियों की अभियोजन स्वीकृति नहीं मिली। पुलिस विभाग में 10 अभियोजन स्वीकृति लंबित है।
केन्द्र व अन्य राज्यों के 12 लंबित:
केन्द्रीय विभाग और अन्य राज्यों के विभागों से अभियोजन स्वीकृति नहीं मिलने पर 12 प्रकरण लंबित हैं, जबकि कार्मिक विभाग के 39 प्रकरणों के अलावा राजस्थान के अन्य महकमों में 157 प्रकरण अभियोजन स्वीकृति नहीं मिलने से लंबित हैं।
टॉप छह अभियोजन स्वीकृति नहीं देने वाले विभाग
विभाग————लंबित प्रकरण
कार्मिक———–39
पंचायत———–31
स्वायत शासन——-25
राजस्व————21
पुलिस————17
ऊर्जा————10
(आंकड़े एसीबी के मुताबिक)