दौसा मण्डी में बाजरे की बम्पर आवक शुरू हो गई है। यहां पर हर रोज 4 हजार से ज्यादा बोरियों की आवक हो रही है। इस बार अच्छी बारिश से बाजरे का उत्पादन अच्छा होने और खरीफ फसलों की बुवाई का रकबा बढ़ने से पैदावार बढ़ने की उम्मीद बनी हुई है। दौसा मंडी में सुपरवाईजर गंगालहरी ने बताया कि मण्डी में बाजरे की बम्पर आवक शुरू हो गई है। उन्होंने बताया कि इस वक्त बाजरा 1600 रुपए प्रति क्विंटल से लेकर 1900 रुपए प्रति क्विंटल तक में बिक रहा है। कई स्थानों पर मंडियों में बाजरा ही बाजरा नजर आ रहा है। वहीं श्रीगंगानगर जिले के अनूपगढ़ की बात करें तो यहां पर धान मंडी में नरमे की आवक शुरू हो गई है। कपास की अच्छी आवक यहां हो रही है।
इस बार नरमें की अच्छी बिजाई
स्थानीय किसानों का कहना है कि ग्वार तथा अन्य फसलों के भाव किसानों को उम्मीद के अनुरूप नहीं मिलने से इस बार पिछले साल की तुलना में किसानों ने नरमे की बिजाई ज्यादा क्षेत्र में की है। आपको बता दें कि अनूपगढ़ में नरमें की आवक बढऩे से धान मंडी की रौनक देखने लायक होती है। खरीफ उपजों की आवक शुरू होने के साथ ही खरीददार व्यापारी भी सक्रिय हो रहे हैं।
यहां मूंग पहुंचना हुआ शुरू
वहीं, नागौर जिले में मेड़ता सिटी में कृषि उपज मंडी में नए मूंग का पहुंचना शुरू हो गया है। दलहन जिंसों की आवक भी शुरू हो गई है। किसान सुबह होते ही मण्डी में अपनी जिंसों को लेकर यहां पहुंच रहे हैं। आपको बता दें कि इस बार अच्छे मानसून के चलते खरीफ सीजन में खासताैर पर साेयाबीन, कपास आैर अरहर की अच्छी पैदावार की उम्मीद बनी हुई है। कपास फसल का रकबा भी देश में पिछले साल की तुलना में बढ़ा है। राजस्थान में इस बार कुल 163 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलों की बुवाई का लक्ष्य निर्धारित किया गया। हालांकि राजस्थान में कई स्थानों पर अतिवृष्टि के चलते किसानों को फसल खराबे का भी सामना करना पड़ा है।
पिछले साल से ज्यादा बुवाई
राजस्थान में 2018 में 161.61 लाख हेक्टेयर एरिया मेें खरीफ फसलों की बुवाई हुई थी। इस बार कृषि विभाग ने 163.73 लाख हेक्टेयर एरिया में खरीफ फसलों की बुवाई का लक्ष्य रखा, जो कि पिछले साल से ज्यादा है। राजस्थान में इस बार 1.80 लाख हेक्टेयर में धान, 6 लाख हेक्टेयर में ज्वार, 44 लाख हेक्टयेर में बाजरा, 9.20 लाख हेक्टेयर में मक्का की बुवाई का लक्ष्य रखा गया था। वहीं, दहलहन की बात करें तो 20 लाख हेक्टेयर में मूंग, 11 लाख हेक्टेयर में मौंठ, 7 लाख हेक्टेयर में उड़द, 0.80 लाख हेक्टेयर में चौला की बुवाई का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। इनके साथ अन्य फसलों की बुवाई का लक्ष्य भी निर्धारित किया गया था।