बताया जाता है कि प्रकोष्ठ और विभागों के कामकाज से प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे खुश नहीं हैं और उन्होंने पिछले विधानसभा चुनाव से लेकर अब तक के कामकाज का डेटा प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय से मांगा है। इसके बाद से ही विभाग-प्रकोष्ठों में सालों से जमे बैठे नेताओं में खलबली मची हुई है।
दरअसल कहने को तो कांग्रेस में एक दर्जन से भी ज्यादा प्रकोष्ठ और विभाग हैं लेकिन जिस उद्देश्य को लेकर इनका गठन किया गया था, उस पर खरा उतरने में अधिकांश प्रकोष्ठ-विभाग असफल ही साबित हुए हैं। कांग्रेस ओबीसी विभाग, अभाव अभियोग प्रकोष्ठ और असंगठित मजदूर कांग्रेस को छोड़ दिया जाए तो बाकी संगठन केवल नाम के ही हैं।
दिल्ली से होती है विभागों में नियुक्तियां
विभागों -प्रकोष्ठों के कामकाज से असंतुष्ट नेताओं से कई बार इसकी शिकायत प्रदेश कांग्रेसअध्यक्ष सचिन पायलट से की थी, लेकिन कांग्रेस के विभागों में नियुक्तियां सीधे दिल्ली से होती है, ऐसे में पार्टी नेता चाहकर विभागों में बदलाव नहीं कर पाए, लेकिन हाल ही में कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग में हुए बदलाव के बाद चर्चा तेज है।
ये हैं कांग्रेस में विभाग-प्रकोष्ठ
कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग, ओबीसी विभाग, विधि-मानवाधिकार विभाग, अजा-जजा विभाग, कांग्रेस विचार विभाग खेलकूद प्रकोष्ठ, पर्यावरण प्रकोष्ठ, कच्ची बस्ती प्रकोष्ठ, शिक्षक प्रकोष्ठ, निशक्तजन प्रकोष्ठ, अभाव अभियोग प्रकोष्ठ, पेंशनर्स प्रकोष्ठ , व्यापार एवं उद्योग प्रकोष्ठ हैं।