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अकाल राहत में भी किया घोटाला, अब जेल में काटनी होगी सजा

locationजयपुरPublished: Feb 21, 2020 03:02:51 pm

Submitted by:

Devendra Sharma

 
– लक्ष्मणगढ़-सीकर में 20 साल पुराना मामला
– 8 अभियुक्तों को 5 साल की सश्रम जेल एवं 3 लाख रुपए का जुर्माना

जयपुर. 20 साल पहले सीकर के लक्ष्मणगढ़ पंचायत समिति में अकाल राहत कार्यों में भ्रष्टाचार के मामले में अदालत ने आठ अभियुक्तों सजा दी है। वर्ष 2000 के इस मामले में एसीबी मामलों की विशेष अदालत-एक में जज उपेन्द्र शर्मा ने गुरुवार को 8 अभियुक्तों को 5 साल के कठोर कारावास एवं कुल 3 लाख रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई। अदालत ने अभियुक्त डूडला निवासी रिटायर्ड ग्राम सेवक जलालुद्दीन (79), फतेहपुर निवासी पंचायत प्रसार अधिकारी कानसिंह जाट (78), नीम का थाना निवासी गिरदावर सोहन लाल शर्मा (72), बिरोदी बड़ी के गणपतराम जाट (66), इन्द्रलाल जाट (49), महावीर प्रसाद जांगिड़, कल्याणपुरा निवासी संजय कुमार जाट (41) और लक्ष्मणगढ़ निवासी जगदीश प्रसाद बलाई (64) को जेल भेजते हुए 37500-37500 रुपए का जुर्माना लगाया।
इस संबंध में गांव बिरोदी बड़ी निवासी ब्रह्मप्रकाश ने एसीबी में शिकायत दर्ज कराई थी। दो साल हुई जांच में भ्रष्टाचार पाया जाने पर एसीबी ने 10 अक्टूबर, 2002 को एफआईआर दर्ज की गई। आरोपी तत्कालीन प्रधान सुधा बगडिया, जेइएन सुखदेव सिंह एवं तत्कालीन विकास अधिकारी घनश्याम कुलदीप के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति नहीं मिलने एवं अपराध के पुख्ता सबूत नहीं होने के कारण एसीबी ने 8 मई, 2008 को तीनों को क्लीनचिट देते हुए उपरोक्त अन्य आठ अभियुक्तों के खिलाफ चालान पेश किया था। जांच में पता चला था कि वर्ष 2000 में स्वीकृत हुए अकाल राहत कार्य कराने के लिए पंचायत समिति को नोडल एजेंसी बनाया गया था। जिसके लिए 4 सदस्यीय कमेटी का भी गठन किया गया। 35 मजदूरों के नाम फर्जी दिखाए गए। पीडब्ल्यूडी से कराई गई जांच में 3,31,354 रुपए का भ्रष्टाचार उजागर हुआ था।
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